रांची : रांची और टाटा के बीच स्थित तमाड़ में करीब 5000 साल पुरानी देवड़ी की सोलह भुजाधारी मां देवड़ी का अब झारखंड सरकार ने अधिग्रहण कर लिया है. स्थानीय जिला प्रशासन ने भारी विरोध के बीच मंदिर का अधिग्रहण कर लिया और मंदिरों के चार दान पेटियों में अपने सरकारी ताले लगा दिये. इस दौरान स्थानीय प्रबंधन से जुड़े लोगों और महिलाओं का विरोध का सामना करना पड़ा. इस मंदिर अब झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश के धार्मिक आस्था का केंद्र बन चुका है. वैसे तो स्थानीय स्तर पर लोगों की आस्था काफी पुरानी है, लेकिन इस मंदिर का क्रेज तब बढ़ा जब यहां भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट टीम में सेलेक्शन के बाद से जब आने लगे. इसके बाद से लोगों का आना जाना शुरू हो गया. इस धार्मिक आस्था को देखते हुए इस मंदिर को अब सरकार पर्यटन क्षेत्र के तौर पर विकसित करने जा रही है. वैसे स्थानीय जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि यह मंदिर सरकारी जमीन पर बनी हुई है. (नीचे पूरी खबरें पढ़ें)
मंदिर की देखरेख के लिए एक कमेटी बनायी गयी है. वैसे इसका विरोध हो रहा है और लोगों का कहना है यह मंदिर ग्रामीणों की संपत्ति है और इसको जिला प्रशासन जबरन हथिया रहा है. लेकिन जिला प्रशासन ने पूरी सख्ती दिखायी और मंदिर के संचालन का हवाला देकर लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग नहीं माने. इसेक बाद अधिकारियों ने दानपेटी पर जिला प्रशासन का ताला और सील लगा दिया. इसके बाद सीओ ने बताया कि बूंडी के एसडीओ उत्कर्ष गुप्ता की अध्यक्षता में मंदिर का संचालन कमेटी की ओर से की जाती है. कमेटी में एसडीओ, सीओ, मंदिर के मुख्य पुजारी और ग्राम प्रधान शामिल होते थे. कमेटी में ही यह फैसला लिया गया कि अब सरकार और ग्रामीण मिलकर मंदिर का संचालन करेगी. दिवड़ी मंदिर का संचालन पूरी तरह अब प्रशासन के हिस्से में आ चुका है. आपको बता दें कि इस मंदिर में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पूजा करने के लिए आते रहे है. क्रिकेट टीम में नहीं होने के बावजूद वे पहले से आते थे, लेकिन बाद में वे जब भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हो गये, तब भी उनका आना जाना लगा रहा और उनके दिल में मां दिवड़ी के प्रति गहरी आस्था है. जब भी वर्ल्ड कप जीते है, तब उन्होंने मां दिवड़ी की अराधना की थी, जिससे महेंद्र सिंह धोनी खुद बताते है कि उनको शक्ति मिलती है.