

रांची : प्रधानमंत्री आवास योजना( शहरी) के काम काज में लापरवाही बरतने के आरोप में सात नगर निकायों में एक दर्जन संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गयी है. इसमें सात शहरों के नगर प्रबंधक व चार शहरों के सीएलटीसी स्तर के कर्मचारी शामिल है. नगर विकास विभाग ने इनके कार्यो की समीक्षा करने के बाद इनके अनुबंध को रद्द करने का आदेश भी दिया है. नगर विकास विभाग ने आवास निर्माण की प्रगति की समीक्षा की थी, जिसमें सात निकायों का प्रदर्शन काफी खराब रहा. इन निकायों में स्वीकृत योजनाओं का रेट काफी कम है जो कि संभावित कार्य अवधि में पूरा किया जाना संभव नहीं है. इस पर विभाग के सहायक निदेशक ने साफ कहा कि कई बार प्रोजेक्ट को पूरा करने का निर्देश दिया गया था लेकिन संवेदकों ने काम पूरा करने मे रुचि नहीं दिखाई, जिससे काम की प्रगति संतोषजनक नही रही. ऐसे में विभाग ने कार्यो की समीक्षा के बाद निम्नस्तरीय कार्य प्रदर्शन, कर्तव्य में लापरवाही, अनुशासनहीनता, विकास कार्यो में रूचि नहीं लेना व लोकसेवा में अनुपयुक्त मानते हुए सभी कर्मचारियो की सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया है. विभाग ने इसके लिए संविदा के तहत किए गए एकरारनामा को रद्द करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है. विदित हो कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत देश भर में 2022 तक हर बेघरों को आवास देने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन भी राज्य के कई शहरों में स्थिति बेहतर नहीं है. सात निकायों का प्रदर्शन खराब है. जिसकी सूची इस प्रकार है- मीहिजाम, मधुपुर, रामगढ़, गुमला, गिरीडीह, लोहरदगा और जामताड़ा शामिल है.
