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jharkhand-government-case-hearing-in-supreme-court-झारखंड सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, आंशिक राहत, हाईकोर्ट को केस के मेरिट पर 1 जून तक सुनवाई कर लेने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश, इडी को जांच के लिए किया स्वतंत्र, हाईकोर्ट में अब 1 जून को होगी सुनवाई, जानें क्या है पूरा मामला

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नयी दिल्ली : झारखंड के चर्चित मुख्यमंत्री द्वारा खदान लीज लेने, शेल कंपनियों के संचालन समेत कई मसलों को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के खिलाफ झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ में सुनवाई हुई. इस दौरान झारखंड सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सह कांग्रेस के बड़े नेता कपिल सिब्बल ने मामले को लेकर पक्ष रखा और कहा कि यह राजनीति से प्रेरित याचिका दायर की गयी है. इसलिए यह मामला खारिज कर दिया जाना चाहिए. इस पर इडी की ओर से अधिवक्ता सह सॉलिसिटर जेनरल तुषार मेहता ने मामले में अपना पक्ष रखा और कहा कि खनन लीज हेमंत सोरेन के कार्यकाल में आवंटित हुआ है, इस कारण मामले की सुनवाई जारी रखनी चाहिए. पक्ष सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इडी मामले की जांच जारी रखें, जांच करने के लिए इडी पूरी तरह स्वतंत्र है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से कहा है कि जनहित याचिका की विश्वसनीयता का जहां तक सवाल है तो हाईकोर्ट एक जून तक हर हाल में तय कर लें कि इसकी विश्वसनीयता है या नहीं है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन भी हाजिर हुए थे. याचिका की वैद्यता पर पहले सुनवाई कर लेने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया, उसके बाद आगे की सुनवाई करने को कहा है. अब झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई की तिथि तय की जायेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई के दौरान कहा है कि हाईकोर्ट को याचिकाओं के मेरिट को भी देख लेना चाहिए. उसके बाद ही सुनवाई करना चाहिए. इस सुनवाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट नेअब 1 जून को सुनवाई करने की तिथि निर्धारित कर दी है. आपको बता दें कि इस मामले में हाईकोर्ट में भी मंगलवार को ही सुनवाई होनी सुनिश्चित थी. (नीचे देखे पूरी खबर)

सीलबंद रिपोर्ट देखने की मांग कर रही सरकार, याचिकाकर्ता शिवशंकर कर रहे सीबीआइ व इडी जांच की मांग
इडी ने झारखंड हाईकोर्ट में एक सीलबंद रिपोर्ट पेश की है. इसमें कहा गया है कि उन लोगों का नाम है, जिन्होंने शेल कंपनियों में कालेधन का निवेश किया है. इस रिपोर्ट को अभी तक इडी ने सार्वजनिक नहीं किया है. इस रिपोर्ट को लेकर झारखंड सरकार ने एसएलपी दाखिल की है. झारखंड हाईकोर्ट इस रिपोर्ट का अध्ययन कर चुकी है. सरकार की ओर से मुकदमा लड़ रहे वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इडी की सीलबंद रिपोर्ट सरकार को दिखाने की मांग की है, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी दिखायी है. आपको बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर शिवशंकर शर्मा ने याचिका दाखिल की है, जिसमें अधिवक्ता राजीव कुमार पैरवी कर रहे है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में शिवशंकर शर्मा भी पहुंचे थे, जिन्होंने कैविएट दाखइल कर कहा था कि बिना उनकी बातों को सुने किसी तरह का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए. शिवशंकर शर्मा ने ही झारखंड हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन को खदान लीज आवंटन और उनके करीबियों द्वारा शेल कंपनियों को बनाकर कालाधन का निवेश की सीबीआई जांच कराने की मांग करते हुए जनहित याचिका दाखिल की है. शिवशंकर शर्मा की यह भी मांग है कि सीबीआई और ईडी संयुक्त रुप से मामले की जांच कर कार्रवाई करें, जिसका विरोध झारखंड सरकार कर रही है, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी है.

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