रांची / जमशेदपुर : कोरोना को लेकर ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं’ पर राज्य सरकार अब भी कायम है, लेकिन भारी विरोध व जनभावना को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने छठ व्रतियों के लिए नदी घाट व तालाबों के किनारे जा कर भगवान भास्कर को अर्घ देने की छूट दे दी है. घाटों पर मास्क लगा कर जा सकते हैं. वहां सैनिटाइजिंग व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दो गज की दूरी बना कर पर्व मना सकते हैं. इस संबंध में बात करने के क्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं. लेकिन झारखंड सरकार द्वारा छठ को लेकर जारी किये गये गाइडलाइन को लेकर राजनीतिकरण कर रही है. पिछले दिनों जो गाइडलाइन जारी की गयी थी, वह पूरी तरह भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप थी. उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि अभी कोरोना संकट टला नहीं है. अभी भी वातावरण में कोरोना का वायरस है. ऐसे में इसकी दवाई हमारे पास ही है.
एहतियात बरतते हुए ही इससे बचा जा सकता है. हमारी प्राथमिकता राज्य की जनता की सुरक्षा है. अत: छठ महापर्व मनायें, लेकिन सावधानियों व एहतियात के साथ. साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यथासंभव घर में रह कर ही पर्व मनाने की अपील की. उल्लेखनीय है कि लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर राज्य सरकार ने पिछले दिनों छठ को लेकर गाइडलाइन जारी किया था, जिसमें व्रतियों को नदी घाट, तालाबों के किनारे जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसे लेकर पक्ष व विपक्ष समेत आम लोगों में भारी विरोध था. इसके मद्देनजर आज मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए गाइडलाइन में परिवर्तन किया है. वैसे अभी डिटेल गाइडडलाइन जारी होगा, लेकिन खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी घोषणा कर दी है, जिसके बाद अब नया गाइडलाइन जारी होगा. वैसे कई सारे नियम का अनुपालन किया गया है.