रांची : झारखंड सरकार ने 1 अप्रैल 2022 से राज्य के सभी शहरी क्षेत्रों में तंबाकू बेचने वालों के लिए वेंडर्स लाइसेंस देने का फैसला लिया है. बिना लाइसेंस के तंबाकू उत्पाद नहीं बेच सकेंगे. दुकानदार लाइसेंस लेकर तंबाकू उत्पाद को बेच सकते है. इसको लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सहमति दे दी है, जिसके आधार पर एक अधिसूचना जारी की गयी है. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. लाइसेंस, अनुज्ञप्ति धारक तंबाकू विक्रेताओं को झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 का सख्ती से अनुपालन करते हुए सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003, खाद्य संरक्षण अधिनियम 2008 एवं बाल विकास मंत्रालय का किशोर न्याय बाल देखभाल और संरक्षण अधिनियम 2015 का उल्लंघन नहीं करना होगा. यह भी तय कर दिया गया है कि जिस दुकान में तंबाकू के उत्पाद बिकेंगे, उसमें चिप्स, बिस्कुट, कोल्ड ड्रिंक्स, कैंडी, टॉफी समेत अन्य सामानों की बिक्री नहीं करनी होगी. बिना लाइसेंस के अगर इसकी बिक्री की जाती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इसके अलावा यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि 18 साल से कम उम्र के लोगों को तंबाकू उत्पाद बेचते हुए पकड़े जाने पर सात साल की कैद की सजा हो सकती है और एक लाख का जुर्माना भी लगाया जायेगा. विभागीय अधिसूचना के मुताबिक, यदि कोई व्यापारी, दुकानदार या कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 455 और 466 के तहत कार्रवाई की जायेगी. इस तरह के उत्पादों के लिए लाइसेंस व्यापारी, दुकानदार अपने नगर निगम, नगर परिषद, अधिसूचना क्षेत्र समिति, नगर पंचायत से लाइसेंस लेना होगा. इसके लिए अनुमति लेना होगा. झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 455 के अनुसूचि 13 एवं 187 के अनुसार बिना लाइसेंस, अनुज्ञप्ति अथवा बिना अनुमति के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक किसी भी तरह के तंबाकू उत्पाद एवं इसके हानिकारक प्रवृति के मद्देनजर किसी भी परिसर में सभी तरह के तम्बाकू उत्पाद (सिगार, सिगरेट, बीडी,नसवार) सहित का विपणन, भंडारण, पैकिंग, प्रसंस्कण, सफाई, विनिर्मिाण (किसी भी विधि द्वारा) नहीं किया जा सकता है. इसके तहत तंबाकू उत्पाद के उपयोग को रोकने, हानिकारक लत से बचाना और तंबाकू उत्पादों के प्रचार प्रसार पर प्रतिबंध लगाना ही है.