रांची : झारखंड सरकार ने मोटर वाहन चेकिंग और राजस्व वसूली के काम से अनुमंडल पदाधिकारियों (एसडीओ) को हटा दिया है. उनके कार्यों की समीक्षा के बाद परिहवन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है. परिहवन मंत्री चंपई सोरेन की सहमति के बाद 45 अनुमंडल पदाधिकारियों को दी गयी शमन की शक्ति को लेकर जुलाई 2018 के आदेश को विलोपित कर दिया गया. दरअसल, राज्य सरकार ने 19 जुलाई 2018 को गजट प्रकाशित कर राज्य में अपनी एजेंसियों के अतिरिक्त 45 अनुमंडल पदाधिकारियों को मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा-200 के तहत शमन की शक्ति दी थी, लेकिन यह पाया गया कि काम की अधिकता की वजह से अधिकांश एसडीओ वाहन चेकिंग तथा राजस्व संग्रहण के काम में रूचि नहीं ले रहे हैं. ऐसे में विभाग ने 45 अनुमंडल पदाधिकारियों के कार्यो की समीक्षा करायी. यह पाया गया कि विगत तीन साल में इनके द्वारा न के बराबर वाहन चेकिंग का काम हुआ और राजस्व वसूली भी ठीक से नहीं हो पायी. विभाग ने इनके निष्पादित कार्यो व उपलब्धिायों की समीक्षा के बाद इनके काम को संतोषप्रद नहीं माना. विभाग ने पूरी मामले को विभागीय मंत्री चंपई सोरेन के पास रखा था. राज्य प्रशासनिक सेवा से अनुमंडल पदाधिकारियों की पोस्टिंग कार्मिक विभाग करता है. इन पर कार्मिक विभाग का ही नियंत्रण रहता है. ऐसे में परिवहन विभाग राजस्व वसूली करने के काम में कोताही आदि बरतने पर सीधी कार्रवाई भी नहीं कर पा रहा था. यह भी एक वजह रही कि एसडीओ से शमन की शक्ति वापस ली गयी.
jharkhand-government-decision-झारखंड में अब एसडीओ को गाड़ियों की चेकिंग और राजस्व वसूली का अधिकार नहीं, मंत्री चंपई सोरेन के आदेश के बाद अधिकार छीना गया
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