
रांची : झारखंड सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया है कि सारे एससी-एसटी सरकारी कर्मचारियों के जाति प्रमाण पत्र की जांच नये सिरे से की जायेगी. इसको लेकर राज्य की कार्मिक सचिव वंदना डाडेल ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, आयुक्त, उपायुक्त को इस संबंध में पत्र लिखकर कहका है कि सारे एससी-एसटी कर्मचारियों के जाति प्रमाण पत्र की सख्ती से जांच की जाये. जांच के लए हर विभागों में एक टीम बनाने को कहा गया है, जो सामुदायिक व सामाजिक स्तर पर भी पता करेगा कि उक्त कर्मचारी ने जो जाति बताया है, वह उस जाति से आता है या नहीं. यह कदम झारखंड सरकार ने इस कारण उठाया है क्योंकि केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने झारखंड सरकार के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर कहा था कि एससी और एसटी के कर्मचारियों के प्रमाण पत्रों की जांच और सत्यापन करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. कार्मिक विभाग ने इसी आलोक में यह कार्रवाई शुरू की है. सरकारी कर्मचारियों के लिए एक फार्मेट निकाल दिया गया है, जिसके हतत लोग इन सारे दस्तावेजों को अपने वेबसाइट पर अपलोड कर सकेंगे. कर्मचारियों को कहा गया है कि निर्धारित प्राधिकार की सहमति के साथ अपना क्लेम भी जमा करना होगा. यदि वे किसी वजह से तत्काल क्लेम नहीं दे पाये तो उनको वक्त भी दिया जायेगा, जिसके दौरान उनको क्लेम भी जमा कर देना है. अगर कोई कर्मचारी सत्यापन के लिए सर्टिफिकेट विभाग को नहीं जमा करते है तो जिला के उपायुक्त के माध्यम से इसकी सत्यता की जांच करायी जायेगी. अगर प्रमाण पत्र गलत पाया गया तो ऐसे लोगों की नौकरी भी चली जायेगी. ये सारी प्रक्रिया को एक माह में पूरा कर लेने का निर्देश दिया गया है. केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय के सामने झाररखंड से जुड़े कई मामले पहुंचे है, जिसमें फर्जी प्रमाण पत्रों के माध्यम से नौकरी लेने और नौकरी करने की जानकारी दी गयी है. इसके आधार पर ही यह जांच शुरू की गयी है.