रांची/जमशेदपुर : झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश और मयूरभंज (ओड़िशा) के पूर्व भाजपा सांसद सालखन मुर्मू ने मुलाकात की. इस दौरान उनके साथ उनकी धर्मपत्नी सुमित्रा मुर्मू भी मौजूद थी. राज्यपाल को इन लोगों ने एक ज्ञापन भी सौंपा. झारखंड सरकार से आदिवासी सेंगेल अभियान और जनता दल यूनाइटेड ने10 मांगों पर त्वरित कार्रवाई की मांग की, जो अब तक लंबित हैं. राज्यपाल को सालखन मुर्मू ने बताया कि अंततः झारखंड सरकार आदिवासी- मूलवासी विरोधी प्रमाणित हो रही है. इस कारण जनहित में त्वरित समाधान का रास्ता प्रशस्त करने की मांग की है.
ये है पूर्व सांसद सालखन मुर्मू की मांगें :
- महानायक वीर शहीद सिदो मुर्मू ( हुल क्रांति के नायक – 30 जून 1855 – 56 ) के छठवीं वंशज रामेश्वर मुर्मू के हत्या (12 जून 2020) की सीबीआई जांच करना.
- झारखंडी डोमिसाइल को लागू करना.
- सरना धर्म कोड लागू करना.
- आठवीं अनुसूची में शामिल भारत की प्रथम आदिवासी भाषा – संताली को हिंदी के साथ झारखंड की प्रथम राजभाषा (अनुच्छेद 345) बनाना.
- महानायक सिदो मुर्मू ( हुल क्रांति- एसपीटी ) और महानायक बिरसा मुंडा ( उलगुलान क्रांति – 1895 से 1900 और सीएनटी) के वंशजों के सुरक्षा, न्याय और समृद्धि के लिए दो ट्रस्टों का गठन और प्रत्येक ट्रस्ट को सरकार द्वारा एक सौ करोड़ रुपयों का जमा पूंजी प्रदान करना.
- झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के आलोक में अप्रत्यक्ष रूप से 8000 शिक्षक और प्रत्यक्ष रूप से बर्खास्त हुए 3684 शिक्षकों की पुनर्बहाली के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट जाना.
- पांचवी अनुसूची के प्रावधानों को लागू करना और उसकी आत्मा ट्राइबल एडवाइजरी कमेटी-टीएसी (आदिवासी सलाहकार परिषद) का अविलंब गठन करना.
- झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 के पीछे छिपे भ्रष्टाचार की षड्यंत्र को पूर्णत: खत्म करना.
- ओबीसी को न्यूनतम 27% आरक्षण प्रदान करना.
- पूर्ण शराब बंदी लागू करना और डायन- प्रथा को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाना.
भाजपा के पूर्व विधायक सुखदेव भगत भी राज्यपाल से मिले
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से शनिवार को पूर्व विधायक और भाजपा नेता सुखदेव भगत ने राज भवन जाकर उनसे मुलाकात की. उन्होंने झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के आलोक में प्रभावित शिक्षकों के हितों की रक्षा करने संबंधी एक ज्ञापन समर्पित किया.