रांची : झारखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था को पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता दृढसंकल्पित हैं. इसी के तहत राज्य में बाइक एम्बुलेंस की सुविधाएं आरंभ की जा रही हैं. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों में आदिम जनजाति के लगभग 75 हजार परिवार हैं, ऐसे ग्रामीण इलाकों में संपर्क व्यवस्था सुदृढ़ नही रहने के फलस्वरूप आवागमन में काफी कठिनाई होती हैं, विशेषकर गंभीर बीमारियों की स्थिति में या गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में कार्य अत्यंत जटिल हो जाता था. मंत्री ने बताया कि जिले के उपायुक्त के निर्देश पर इसका संचालन किया जायेगा, प्रत्येक बाइक एम्बुलेंस में जीपीएस सिस्टम स्थापित किया जाएगा ताकि मोनिटरिंग हो सके, साथ ही लॉगबुक का भी संचालन किया जाएगा।इसके लिए झारखंड एनएचएम के द्वारा एक ऐप लॉन्च किया जाएगा ताकि इसकी राज्यस्तरीय नियंत्रण की जा सके. जीपीएस युक्त बाइक एम्बुलेंस के लिए अनुमादित मूल्य 1,69,000 रुपये निर्धारित की गई हैं, चालक को 9000 रुपये प्रतिमाह का मानदेय दिया जाएगा, ईंधन, खपत सामग्री, वाहन मरम्मती के लिए 5000 रुपये प्रतिमाह, चालक वर्दी के लिए 1500 गुणा 2 यानी 3000 रुपये का खर्च आएगा. ये सुविधाएं 2 माह के लिए इस वित्तिय वर्ष में लागू होगा. इसको लेकर 24 जिले में राशि आवंटित कर दी गई हैं, कुल 73670 परिवार हैं जिसके लिए 175 आबंटित बाइक एम्बुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित होगी, जिसमें कुल 3 करोड़ 50 लाख रुपए का बजट निर्धारित किया गया है. दूसरी ओर, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने मांग की है कि सारे कोर्ट में सरकारी वकीलों की तैनाती की जाये. सरकारी वकील नहीं होने के कारण केस की सुनवाई नहीं हो पाती है और कई केस लंबित रह जा रहे है. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि झारखंड राज्य अंतर्गत विभिन्न जिला न्यायालयों में लोक अभियोजकों के पद रिक्त रहने के कारण न्याय प्रणाली में विकट परिस्थिति उत्पन्न हो रही है अतः उन्होंने इस संबंध में यथोचित कार्रवाई करने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया है.