रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में स्वीकृत पदों पर आउटसोर्स से भर्ती नहीं करने की बात कहते हुए आउटसोर्स पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने सरकार को हाईकोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन करने निर्दिशत करते हुए सरकार को तीन सप्ताह में इसका जवाब देने के निर्देश दिए है. आदेश की कापी मुख्य सचिव को भेजने का निर्देश भी अदालत ने दिया है. (नीचे भी पढ़े)
राज्य में स्वीकृत पदों पर आउटसोर्स के माध्यम से हो रही भर्ती के खिलाफ लक्ष्मीकांत गुइन ने याचिका दायर करते हुए स्वीकृत पदों पर आउटसोर्स से हो रही भर्ती पर विरोध जताते हुए स्वीकृत पदों पर स्थाई नियुक्ति की बात कही थी. जिसके सुनवाई करते हुए अदालत ने अगली सुनवाई तक राज्य में स्वीकृत पदों पर आउटसोर्स से भर्ती पर रोक लगा दी है. अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रथम दृष्टि से यह नियुक्तियां अवैध होती है क्योंकि रिक्त पदों पर जिनकी नियुक्ति की जाती है उनकी नियोक्ता सरकार नही होती है. ऐसे कर्मचारियों पर किसी भी प्रकार का नियंत्रण भी नहीं रहता है और की गड़बड़ी होने पर सरकार ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है क्योंकि दोनो के बीच नियोक्ता और कर्मचारी का संबंध नही होता है. इसलिए ऐसे नियुक्ती को अवैध माना जा सकता है इसलिए सरकार अदालत के अगले आदेश तक आउटसोर्स के माध्यम से किसी भी प्रकार की भर्ती न करें.