रांची : झारखंड पुलिस ने फर्जी तरीके से नौकरी लेने वाले सब इंस्पेक्टर यानी दारोगा सनत कुमार सिंह को जमानत देने से झारखंड हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है. झारखंड हाईकोर्ट ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर झारखंड पुलिस ने नौकरी ली थी. उनका सरायकेला-खरसावां जिले में पदस्थापन किया गया था. इस मामले का खुलासा होने के बाद मामले में सनत के खिलाफ एफआइआर दर्ज है. इस मामले की झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता ने जमानत देने की मांग की, लेकिन जमानत नहीं दिया गया. इस दौरान लोक अभियोजक सूरज वर्मा ने कोर्ट को बताया कि सनत कुमार सिंह फर्जी दस्तावेज के आधार पर झारखंड पुलिस में नौकरी कर रहे है, इस कारण उनको जमानत नहीं दिया जाना चाहिए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेल रिजेक्ट कर दिया गया. हाईकोर्ट ने चार माह में इस पूरे मामले का ट्रायल पूरा करने का निर्देश भी दिया है. फर्जी डिग्री के जरिये नौकरी लेने का आरोप सनत कुमार सिंह पर है, जिसको लेकर केस दायर किया गया है.
झारखंड हाईकोर्ट ने प्रोमोशन पर लगी रोक हटाने का दिया आदेश
झारखंड हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार की ओर से प्रोमोशन देने को लेकर लगायी गयी रोक को हटाने का आदेश दिया है. न्यायाधीश जस्टिस एसएन पाठक की अदालत ने रश्मि लकड़ा और अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया. राज्य सरकार द्वारा 24 दिसंबर 2020 को जारी किये गये पत्र को हाईकोर्ट ने निरस्त करते हुए कहा है कि राज्य सरकार कुछ सेवाओं में पदाधिकारियों को प्रोमोशन दे रही है जबकि कुछेक में नहीं दे रही है. यह पिक एंड चूज की परिपाटी ठीक नहीं है, इस तरह प्रोमोशन देना गलत होगा. इस दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि डीपीसी में जिन पदाधिकारियों को प्रोमोशन के लिए फिट पाया गया है, उनको 4 सप्ताह के अंदर प्रोमोशन दिया जाये. इस निर्देश के साथ हाईकोर्ट ने याचिका को निष्पादि कर दिया. आपको बता दें कि डिप्टी कलेक्टर स्तर के पदाधिकारियों के प्रोमोशन को रोक दिया गया था. इस फैसले को रश्मि लकड़ा समेत अन्य ने चुनौती दी थी.