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jharkhand-high-court- झारखंड हाई कोर्ट की तीन खबरें एक साथ पढ़िए, एक क्लिक में, 1.रेमडिसिविर कालाबाजारी मामले में एसआईटी ने हाई कोर्ट को बताया- छह वायल की हुई थी चोरी 2.वारंट जारी होने के बाद पूर्व सीएम के सलाहकार सुनील तिवारी ने दायर की अग्रिम जमानत याचिका 3.उपकरण खरीदारी मामले में कोर्ट ने कहा- सभी व्यवस्था आउटसोर्सिंग न होकर स्थायी होना चाहिए

राशिफल


रांची : कोरोना से निपटने और रिम्स में रेमडेसिविर की कालाबाजारी मामले को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के आदेशानुसार रेमडेसिविर की कालाबाजारी मामले की जांच कर रही एसआईटी के एडीजी अनिल पलटा ने कोर्ट को बताया कि रिम्स से छह वायल रेमडेसिविर की चोरी हुई है. इसकी जानकारी रेमडेसिवीर कालाबाजारी की जांच कर रही एसआईटी को मिली है.एसआईटी ने रिम्स से इस पर रिपोर्ट मांगा है. रिम्स से रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि रिम्स के एक अनुबंधकर्मी ने रेमडेसिवीर की चोरी की बात को स्वीकार किया है. इस मामले की जांच जारी है. इस पर कोर्ट ने अगले सप्ताह विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.विदित हो कि इससे पहले 21 जून को कोरोना के इलाज में इस्ते्माल होने वाली रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी के मामले में जांच के लिए एसआईटी की टीम को निर्देशित किया था. जिसके नेतृत्वकर्ता अनिल पालटा को बनाया गया था.
दुष्कर्म मामले में वारंट जारी होने के बाद पूर्व सीएम के सलाहकार सुनील तिवारी ने दायर की अग्रिम जमानत याचिका
रांचीः अनगड़ा की युवती के साथ दुष्कर्म और यौन शोषण करने के आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी ने जमानत के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. सुनील तिवारी द्वारा अपनी अग्रिम जमानत के लिए अपने अधिवक्ता के माध्यम से रांची सिविल कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है. याचिका में उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए न्यायालय से अग्रिम जमानत दिये जाने की गुहार लगायी है.यौन शोषण और दुष्कर्म के आरोपों से घिरे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच कर रहे पदाधिकारी ने इस मामले में जांच की रफ्तार तेज कर दी है. जांच अधिकारी के द्वारा कोर्ट से वारंट प्राप्त कर लिया गया है. अदालत ने सुनील तिवारी के खिलाफ वारंट जारी कर दिया गया है, जिसके बाद उनकी मुश्किलें अब और बढ़ गयी हैं.

चिकित्सा उपकरण खरीदारी मामले में हाई कोर्ट ने रिम्स से कहा- सभी व्यवस्था आउटसोर्सिंग न होकर स्थायी होना चाहिए
रांचीः झारखंड हाईकोर्ट में रिम्स में चिकित्सा के उपकरण खरीदारी मामले में सुनवाई गुरुवार को हुई. इस दौरान रिम्स पक्ष से कहा गया गया कि रिम्स में सीटी स्कैन मशीन अगले माह के प्रथम सप्ताह तक पहुंच जाएगी. दूसरी मशीन के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है. जल्द ही इसकी प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी.इस पर चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने कहा कि रिम्स में सभी संसाधन मौजूद होने चाहिए. यह राज्य का बड़ा अस्पताल है और पूरे राज्य से गरीब यहां इलाज के लिए आते हैं. रिम्स को चाहिए कि यहां की व्यवस्था आउटसोर्सिंग न हो, बल्कि सब कुछ रिम्स का स्थायी हो.सुनवाई के दौरान दवाई दोस्त के संचालक की ओर से बताया गया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद दवाई दोस्त की दुकान हटा ली गयी है.इस पर रिम्स की ओर से बताया गया कि दवाई दोस्त को रिम्स परिसर में जगह एक साल के लिए दी गई थी. लेकिन उनकी ओर से अवधि विस्तार के लिए कोई आवेदन नहीं दिया गया है.जिसके बाद रिम्स ने उन्हें परिसर खाली करने को कहा है. इस पर कोर्ट ने कहा कि रिम्स इस मामले में अपने स्तर से निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है. लेकिन कोर्ट चाहती है कि रिम्स अपने संसाधनों पर चले. उसे किसी काम के लिए आउट सोर्सिंग नहीं करनी पड़े.

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