रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायामूर्ति राजेश शंकर की अदालत में सहायक अभियंता नियुक्ति मामले में आरक्षण दिए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान झारखंड सरकार और जेपीएससी की ओर से जवाब दाखिल नहीं किए जाने पर कोर्ट नाराजगी जताई. अदालत ने मौखिक रुप से कहा कि अगर समय पर जवाब दाखिल नहीं होता है तो कोर्ट पूरी नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा देगा. अदालत ने तीन सप्ताह में सरकार और जेपीएससी को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा था कि क्या प्रारंभिक परीक्षा(पीटी) में किसी प्रकार का आरक्षण दिया गया है. ईडब्ल्यूएस वर्ग के महिला व पुरुष को आरक्षण कैसे दिया गया है. इस संबंध में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने कहा कि सहायक अभियंता के 542 पदों पर नियुक्ति के लिए जेपीएससी ने विज्ञापन निकाला था. इसके लिए प्रारंभिक परीक्षा में कैटेगरी वाइज परिणाम जारी किया गया है. वहीं ईडब्ल्यूएस में महिला व पुरुष को अलग अलग आरक्षण का लाभ दिया गया है. इसके अलावा खेलकूद कोटा का भी लाभ दिया गया है. नियमानुसार ऐसा करना गलत है. इसको लेकर राज्य सरकार के पास कोई ठोस नीति नहीं है. फिलहाल जेपीएससी ने अभी तक नियुक्ति के लिए अनुशंसा नहीं की है. इस परिस्थिति में प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट को ही निरस्त कर दिया जाए.