रांचीः बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर सह कनीय वैज्ञानिकों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डॉक्टर एसएन पाठक की अदालत में मंगलवार को सुनवाई हुई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में हो रही नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी. (नीचे भी पढ़े)
साथ ही विश्वविद्यालय से चार सप्ताह में जवाब मांगा है. विदित हो कि मंगलवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में इनका साक्षात्कार लिया जा रहा है.इस संबंध में डॉ. संजीत कुमार व 13 अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता चंचल जैन ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जब तक पदों पर नियमित नियुक्ति नहीं की जाती है, तब तक पूर्व से संविदा के आधार पर नियुक्त लोगों को दोबारा संविदा के जरिए नियुक्ति से नहीं हटाया जा सकता है. उनकी ओर से कहा गया कि आज ही इन पदों पर यूनिवर्सिटी की ओर से साक्षात्कार की प्रक्रिया की जा रही है. इसलिए इस पर रोक लगाई जाए. (नीचे भी पढ़े)
इस पर अदालत ने प्रार्थी की दलील को मानते हुए नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी. अदालत ने इस मामले में विश्वविद्यालय से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. विदित कि इससे पहले सोमवार को असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के मामले में ही हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि राज्य के सभी महत्वपूर्ण पदों पर संविदा के आधार पर नियुक्ति करना सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है.