रांची : झारखंड हाईकोर्ट में तीन अलग-अलग महत्वपूर्ण सुनवाई हुई. इन सारी सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को कोर्ट ने सुना. नीचे आप एक साथ तीनों सुनवाई की रिपोर्ट पढ़ें.
रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में हाईकोर्ट की सुनवाई, हाईकोर्ट ने कहा-हाईकोर्ट जांच प्रक्रिया में खुद नहीं उतर सकती है, लेकिन जांच कर रही एजेंसी का यह दायित्व बनता है कि जांच सही हो
रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की ओर से गठित एसआइटी के प्रमुख एडीजी अनिल पालटा और सीअग़ाइडी के एडीजी प्रशांत कुमार भी मौजूद थे. इस दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि बिना हाईकोर्ट के इजाजत या जानकारी के ही ट्रायल कोर्ट में सीधे चार्जशीट जमा कर दिया गया, जो गलत है. हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया कि इस मामले में सारी गतिविधियों और जांच से सारी जानकारी कोर्ट को साझा किया जाये. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन प्रसाद और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की संयुक्त खंडपीठ ने की. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन प्रसाद उपस्थित थे. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हाईकोर्ट जांच प्रक्रिया में खुद नहीं उतर सकती है, लेकिन जांच कर रही एजेंसी का यह दायित्व बनता है कि जांच सही हो और सीआरपीसी की प्रक्रिया को अपनाते हुए सारी कार्रवाई हो. आपको बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने अपने मौखिक टिप्पणी में कहा था कि आप लोग आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे है. रेमडेसिविर और अन्य महत्वपूर्ण दवाईयों का कोरोना काल के दौरान होने वाले कालाबाजारी के मामले में खुद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. इसके बाद से लगातार सुनवाई हो रही है.
रांची डीसी व एसएसपी के साथ नगर आयुक्त की लगी हाईकोर्ट में क्लास, हाईकोर्ट ने कहा-अतिक्रमण हटाने को लेकर दिये गये आदेश का पालन नहीं कर सकते है तो कुर्सी छोड़ दें
रांची के बड़ा तालाब समेत अन्य जलाशयों के आसपास के क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण के मामले में भी झारखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सररकार के खिलाफ कड़ी नाराजगी जतायी. कोर्ट ने कहा कि अब बहुत हुआ, हिनू नदी के आसपास अतिक्रमण करने वारले को रोक नहीं सकते तो क्या कर सकते है? बड़ी बिल्डिंग हटाने में कितना वक्त लगता है. सुनवाई के दौरान रांची के डीसी, एसएसपी और रांची नगर निगम के नगर आयुक्त भी कोर्ट में हाजिर हुए. अदालत ने उनसे अतिक्रमण हटाने के लिए अब तक उठाये गये कदमों की जानकारी ली. अदालत को नगर आयुक्त ने बताया कि स्टाफ और फोर्स की कमी के कारण अतिक्रमण नहीं हट पाया है. इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर सकते है तो कुर्सी को छोड़ देना चाहिए. कोरोना की आड़ में आप लोग बचने की कोशिश कर रहे है. अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने कोर्ट को बताया कि सरकार गंभीर है और अतिक्रमण हटायेगी. दो सप्ताह में हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि अब तक की हुई सारी कार्रवाई से हाईकोर्ट को अवगत कराये. इसके अलावा सुनवाई पर नगर विकास सचिव और पेयजल विभाग के सचिव को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हाजिर होने को कहा गया.
स्कूलों के फीस वसूली पर लगी रोक पर राज्य सरकार को 23 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का आदेश
स्कूलों को कोरोना काल के दौरान फीस नहीं लेने के दिये गये आदेश की सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 23 जुलाई तक सरकार का पक्ष रखने को कहा है. सरकार ने निर्देश दिया है कि कोरोना काल के दौरान निजी स्कूल फीस नहीं ले सकते है. इसको झारखंड अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की ओर से एक याचिका दायर की गयी थी. इसको लेकर जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सुनवाई हुई और कहा कि 23 जुलाई तक कोर्ट को सरकार अपना पक्ष से अवगत करा दें. एसोसिएशन के अध्यक्ष और अधिवक्ता अभय मिश्रा ने याचिका दायर करते हुए कहा है कि सरकार का आदेश देना गलत है. दिल्ली की सरकार के इस निर्देश को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इस कारण अब सरकार के आदेश को भी निरस्त किया जाना चाहिए.
jharkhand-highcourt-three-hearings-झारखंड हाईकोर्ट की तीन सुनवाई. 1. रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में हाईकोर्ट ने कहा-कोर्ट जांच प्रक्रिया में खुद नहीं उतर सकती, लेकिन जांच एजेंसी का दायित्व है कि जांच सही हो, 2. रांची डीसी व एसएसपी के साथ नगर आयुक्त की लगी क्लास, हाईकोर्ट ने कहा-कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर सकते है तो कुर्सी छोड़ दें, 3. स्कूलों के फीस वसूली पर लगी रोक पर राज्य सरकार को 23 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का आदेश
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