रांची/जमशेदपुर : झारखंड के महानायक सिदो, कान्हू, चांद, भैरव, फूलों और झानों समेत अन्य शहीदों को पूरे झारखंड ने हूल दिवस के दिन याद किया. इन लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान कई जगहों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
रांची में मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने हूल दिवस के अवसर पर संताल विद्रोह के नायकों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्रोह का नेतृत्व करने वाले सिदो, कान्हू, चांद, भैरव, फूलों और झानों के साथ-साथ विद्रोह में शहादत देने वाले सभी वीरों का बलिदान सदैव झारखण्डवासियों को प्रेरित करेगा. यह महत्वपूर्ण दिवस है. कोरोना संक्रमण के इस दौर में कार्यक्रम करना संभव नहीं था. व्यक्तिगत रूप में लोग इस दिवस को मना रहें हैं. उम्मीद करता हूं, जब तक झारखण्ड रहेगा शहीदों का नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा जाता रहेगा. सभी झारखण्डवासी इस गौरवपूर्ण दिवस के अवसर पर वीर शहीदों को स्मरण करें, ताकि आने वाली पीढ़ी वीरों की वीर गाथा से अवगत हो गौरवान्वित हो सके। आइये मिलकर शहीदों के सपनों को साकार करें.
भाजपा ने मनाया विरोध दिवस
वीर शहीदों के नमन के दिन हूल दिवस पर भाजपा की ओर से झारखंड में विरोध दिवस मनाया गया. दरअसल, हूल नायक सिदो मुर्मू के वंशज की हत्या के विरोध में रांची में मौन सभा की. रांची में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के विपक्ष के नामित नेता बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में रांची के शहीद सिदो कान्हू पार्क में लगी प्रतिमा पर नेताओं ने माल्यार्पण किया और फिर वहां मौन सभा की. इन लोगों ने झारखंड सरकार का विरोध किया और कहा कि उनके वंशजों को ही बचाकर नहीं रख पा रही हो तो झारखंड के शहीदों का सपना क्या साकार यह सरकार कर सकती है. इस मौके पर भाजपा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के अलावा भाजपा सांसद संजय सेठ, रांची के विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह, हटिया के विधायक नवीन जायसवाल समेत अन्य लोग मौजूद थे.
जमशेदपुर में जदयू प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने विरोध में दिया धरना
जमशेदपुर में जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने शहीद सिदो कान्हू के हूल दिवस के मौके पर जमशेदपुर के कदमा स्थित अपने आवास पर अपने कार्यकर्ताओं के साथ धरना दिया. इन लोगों ने हूल दिवस को विरोध दिवस के रुप में मनाया. इन लोगों ने सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक हूल शपथ लिया और हूल अनशन भी किया. इन लोगों ने झारखंड के भोगनाडीह में शहीद सिदो मुर्मू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की 12 जून को हुई संदिग्ध हत्या के दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए यह विरोध दिवस मनाया गया. पूर्व सांसद व जदयू प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि महानायक वीर शहीद सिदो मुर्मू के वंशजों को सम्मान, सुरक्षा, अधिकार और न्याय मिले, शहीद सिदो मुर्मू वंशज के रामेश्वर मुर्मू की संदिग्ध हत्या की सही जांच और हत्यारे को सजा हो. यह असाधारण परिवार की असाधारण घटना है. इसे हेमंत सरकार और झामुमो वोट बैंक राजनीति के लिए नज़रअंदाज़ न करें, लीपा पोती न करें, शहीद सिदो मुर्मू और बिरसा मुंडा के वंशजों को जीवनपर्यंत सम्मान, शिक्षा, स्वस्थ्य, सुरक्षा, रोजगार, आदि सुविधाओं के लिए 2 अलग-अलग ट्र्स्टों का अविलंब गठन हो और प्रत्येक ट्रस्ट को 100 करोड़ रूपयों की कॉरपस फण्ड (फिक्स्ड डिपॉजिट पूंजी) सरकार प्रदान करें. ट्रस्ट का संचालन खुद वंशज करें, सरकार केवल सहयोग करे. झारखंड राज्यपाल को इसके लिए एक पत्र भेजा जायेगा. सालखन मुर्मू ने कहा कि मगर दुर्भाग्य और शर्म की बात है कि हेमंत सोरेन खुद कोरोना के बहाने इसे नहीं मनाने का संदेश दे रहे हैं, जो अपनी गलत इरादों और शहीदों के प्रति बेरुखी को छिपाने और दबाने का एक षड़यंत्र प्रतीत होता है. दूसरा दुर्भाग्य वंशज की तरफ से मंडल मुर्मू का छोटी सोच वाला संदेश- छूत (भंडान/ श्राद्ध) है, इसलिये हूल दिवस नहीं मनाना है.