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jharkhand-initiative-कोटा से आने वाले है छात्र-छात्राएं झारखंड, अभिभावकों को स्टेशन आने पर रोक, बच्चों को सरकार घर तक पहुंचायेगी, तेलंगाना में फंसे कोल्हान के 46 श्रमिक वापस पहुंचे, प्रशासन ने किया स्वागत

राशिफल

गोइलकेरा में आये मजदूर.

रांची/जमशेदपुर : तेलंगाना (हैदराबाद) में कोल्हान के 46 श्रमिक वापस आ गये है. भारत सरकार, तेलंगाना सरकार और झारखंड सरकार के समन्वय के बीच सभी श्रमिकों को वापस लाया गया है. पूरे राज्य के करीब 1200 मजदूर फंसे थे, जिनको स्पेशल ट्रेन से लाया गया. श्रमिक स्पेशल ट्रेन से ये सारे लोग पहुंचे थे, जिनको हटिया से वापस लाया गया. कोल्हान के 46 मजदूरों को वापस लाया गया. इसमें सरायकेला-खरसावां जिले के 17 और पश्चिम सिंहभूम जिले के 29 मजदूर शामिल है. सभी का यहां पहुंचने पर स्वागत भी किया गया. इसके तहत पश्चिम सिंहभूम जिले के मनोहरपुर और गोइलकेरा प्रखंड के 29 मजदूर है, जिनको वापस लाया गया. हटिया पहुंचने के बाद सबों को वाहनों से गाड़ी से भेजा गया. सभी की स्क्रीनिंग की गयी, जिसके बाद सभी को स्कूलों में भेजा गया है. सभी को खाना पीने का भी इंतजाम किया गया है.

चाईबासा में हो रहा हेल्थ की चेकिंग.

बताया जाता है कि ये सारे मजदूर हैदराबाद में एलएंडटी में काम करते थे जबकि मनोहरपुर प्रखंड के मजदूर दो पंचायत मनोहरपुर पूर्वी और डिंबुली गांव में रहते है. इसी तरह सरायकेला-खरसावां जिले में भी कुल 17 मजदूर पहुंचे, जहां उनके पहुंचने पर खुद उपायुक्त ए दोड्डे ने स्वागत किया. हैदराबाद से लौटे लोगों में गम्हरिया, ईंचागढ़ और चांडिल के मजदूर है. इनका पहले स्वास्थ्य की जांच की गयी और सबको सूखा अनाज दिाय गया. वाहनों से उनको बाद में घरों में भेजा गया है. इन सारे लोगों को होम क्वारंटाइन में ही रहने की हिदायत दी गयी है. 14 दिनों तक इनको होम क्वारंटाइन में ही रखा जाना है.
दूसरी ओर, कोटा (राजस्थान) से भी बच्चों को लेकर एक स्पेशल ट्रेन झारखंड आने वाली है. वे लोग सीधे राजधानी रांची आयेंगे. परिजनों को कहा गया है कि वे लोग स्टेशन नहीं पहुंचे. उनको घरों तक जिला प्रशासन पहुंचाने का काम करेगी. इसके लिए पर्याप्त सुविधाएं अपडेट कर ली गयी है. सभी विद्यार्थियों को उनके घरों तक जिला प्रशासन की मदद से पहुंचाया जाएगा. विद्यार्थियों के परिजन को किसी भी सूरत में रेलवे स्टेशन आने की आवश्यकता नहीं. जिला प्रशासन द्वारा पर्याप्त संख्या में गाड़ियों की व्यवस्था की गई है. यह गाड़ियां सभी बच्चों को उनके घरों तक सकुशल पहुंचाने के लिए प्रयुक्त की गईं हैं. सभी अभिभावक अपने-अपने घर में ही रहेंगे और अपने बच्चों को घर पर ही रिसीव करेंगे.

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