खबरjharkhand-iron-ore-mines-auction-झारखंड सरकार के आयरन ओर माइंस के नीलामी और स्टॉक की निकाली...
spot_img

jharkhand-iron-ore-mines-auction-झारखंड सरकार के आयरन ओर माइंस के नीलामी और स्टॉक की निकाली गयी नीलामी पर बरपा है हंगामा, सरयू राय ने ट्विट कर हेमंत सोरेन को चेताया-खान विभाग के तकनीकी और प्रशासनिक अधिकारी मूर्ख हैं या शातिर? इन्हें सम्हालें, भाजपा को भी आया है गुस्सा, मधु कोड़ा ने भी कहा-गलत हो रहा

राशिफल

रांची : झारखंड सरकार ने आयरन ओर माइंस को लेकर अपने कदम आगे बढ़ाये है. बंदपड़े खदानों को फिर से चालू कराने के लिए नीलामी निकाली गयी है. इसके तहत सबसे पहले पश्चिमी सिंहभूम जिले के बड़ाजामदा स्थित अजीताबुरु आयरन एंड मैगनीज ब्लॉक के लिए टेंडर निकाला गया है. 31 मार्च 2020 को कई खदानों का लीज समाप्त हो चुका है, जिसको फिर से नीलाम किया जा रहा है. झारखंड सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग की ओर से 14 जून को नीलामी के लिए टेंडर निकाला गया है. पहले चरण में पश्चिमी सिंहभूम जिला के बड़ाजामदा क्षेत्र में अवस्थित अजीताबुरू आयरन एंड मैगनीज ब्लॉक के लिए टेंडर निकाला गया है. इस खदान की लीज पहले मेसर्स देवकाबाई वेलजी के नाम पर आवंटित थी. 31 मार्च 2020 को इसकी लीज अवधि रद हो चुकी है. 46.62 हेक्टेयर में फैले इस खनन ब्लॉक में 17.538 मिलियन टन लौह अयस्क और 2.319 मिलियन टन मैगनीज अयस्क मौजूद होने की बात विभाग ने कही है. नीलामी में भाग लेने के लिए इच्छुक लोग 25 जून 2021 तक टेंडर के लिए विपत्र खरीद सकेंगे. विपत्र जमा करने की अंतिम तिथि 13 जुलाई 2021 तय की गयी है. वहीं 14 जुलाई 2021 को टेंडर खोला जायेगा. खान एवं भूतत्व विभाग के निदेशक (भूतत्व) के अनुसार नीलामी के लिए आवेदन को इच्छुक लोग 4 लाख 95 हजार 600 रुपये शुल्क जमा कर आनलाइन विपत्र खरीद सकते हैं. यहां बता दें कि झारखंड में लौह अयस्क खनिज पश्चिमी सिंहभूम जिला में ही मिलता है. यहां पर करीब 41 लौह अयस्क खदानें पूर्व में लीज पर दी गयीं थी. 31 मार्च 2020 को अधिकतर निजी खदानों की लीज समाप्त हो चुकी है. वर्तमान में केवल टाटा स्टील और सेल की खदानें ही चालू हालत में हैं. निजी खदानों की बात करें तो मेसर्स अनिल खिरवाल की ही लीज बची है. जिन खदानों की लीज समाप्त हो चुकी है उन्हें अब नीलामी के जरिये ही बेचा जाना है. पड़ोसी राज्य ओडिशा में मार्च 2020 से पहले ही अधिकतर खदानों की नीलामी हो चुकी है. झारखंड में खदानों के बंद हुए साल भर से ऊपर हो गया है. इसकी नीलामी पर भी हंगामा बरपा हुआ है. जमशेदपुर पूर्वी के विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्विट कर कहा है कि खान विभाग ने देवका बाई भेलजी की 46 हेक्टेयर खनन क्षेत्र में से 12 हेक्टेयर का अन्वेषण किये बिना पूरे क्षेत्र पर 17 लाख टन लौह अयस्क की नीलामी नोटिस जारी कर अक्षम्य गलती की है. खान विभाग के तकनीकी और प्रशासनिक अधिकारी मूर्ख हैं या शातिर? इन्हें सम्हालें, राज्य का घाटा रोकें. इस ट्विट के बाद अन्य नेताओं ने भी माहौल गर्माना शुरू कर दिया है.
दूसरी ओर, झारखंड सरकारर ने लौह अयस्क के स्टॉक की भी नीलामी निकाली है. इसके तहत पहले चरण में सरकार ने पश्चिम सिंहभूम जिले के सारंडा वन क्षेत्र में अवस्थित दो खदानों में पहले से खनन कर जमा लौह अयस्क की ई-टेंडर के ज़रिये नीलामी करने की योजना बनायी है. जिन दो खदानों में जमा अयस्क की नीलामी होनी है उनके नाम घाटकुड़ी आयरन ओर माइंस और राजाबेड़ा माइंस है. ये दोनों खदान चाईबासा के पद्म कुमार जैन के नाम से पंजीकृत थी. यह नीलामी सरकार की नोडल एजेंसी झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के माध्यम से होगी. लौह अयस्क बेचने के बाद मिलने वाली सारी राशि सीधे सरकार के खाते में जमा होगी. बताया जा रहा है कि खान निदेशक शंकर कुमार सिन्हा ने जिला खनन पदाधिकारी निशांत अभिषेक को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है कि सरकार ने पश्चिमी सिंहभूम जिले में अवस्थित पदम कुमार जैन के परिसमाप्त ठाकुरानी व राजाबेड़ा खनन पट्टे पर उपलब्ध अंतिम खनिज के स्टॉक के प्रतिवेदित मात्रा के निष्पादन करने का निर्णय लिया गया है. इसकी नीलामी को लेकर भी हंगामा है. यह हंगामा है कि खनन विभाग ने इसके स्टॉक का ग्ररेड 50 से 55 बताया है जबकि इसका ग्रेड ज्यादा का है और कम कीमत पर इसकी नीलामी कर किसी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, खादी बोर्ड के सदस्य कुलवंत सिंह बंटी समेत तमाम नेताओं ने इसको लेकर राज्यपाल से लेकर हर जगह विरोध दर्ज कराया है जबकि विधायक सरयू राय ने भी इसकी नीलामी रोकने के लिए सरकार के समक्ष आपत्ति जतायी है.
पीके जैन पर 341 करोड़ का लगा है जुर्माना
ठाकुरानी और राजाबेड़ा खनन पट्टा मेसर्स पदम कुमार जैन के नाम पर दिया गया था. कॉमन कॉज के मामले में इन दोनों खदानों की लीज सरकार ने वर्ष 2015 में ही समाप्त कर दी थी. ठाकुरानी माइंस पर लगभग 334 करोड़ व राजाबेड़ा माइंस पर 7 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. राशि जमा नहीं करने पर उक्त राशि पर कई करोड़ रुपये सूद अब तक लग चुका है. इस राशि की वसूली के लिए 31 दिसंबर 2019 को कंपनी पर सर्टिफिकेट केस किया गया था. बताया जा रहा है कि इस बकाया राशि की वसूली के लिए ही सरकार जमा खनिज की नीलामी करने जा रही है. इस मामले को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने भी आपत्ति जतायी है और इस तरह के ऑक्सन का विरोध हो रहा है.

[metaslider id=15963 cssclass=””]

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading