धनबाद: जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद को मारने के लिए इस्तेमाल किए गए ऑटो को पुलिस ने गिरिडीह से बरामद कर लिया है. धनबाद पुलिस ने ऑटो को कब्जे में ले लिया है. इस मामले में पुलिस कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी कर रही है. जज हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. दो घंटे तक झारखंड हाई कोर्ट में जज हत्या मामले की सुनवाई हुई. यह सुनवाई वर्चुअल हुई. इसमे धनबाद एसएसपी व डीआईजी भी शामिल थे. अदालत ने मामले की गंभीरता को समझते हुए एसआईटी का गठन कर मामले की जांच करायी जाएगी. एसआईटी का नेतृत्व केंद्रीय प्रतिनियुक्त से लौटे आनंद लाटकर करेंगे.
इस मामले में अगर सही जांच नहीं होती है तो केस सीबीआई को सौंप दिया जाएगा.बुधवार की सुबह पांच बजकर 8 मिनट पर धनबाद के रणधीर वर्मा चाक के समीप ऑटो ने उत्तम आनंद को टक्कर मारकर भाग निकला था.बाद में सीसीटीवी फुटेज देखने से साफ हुआ कि यह एक महज हादसा नहीं है. उनको मारने के लिए ऑटो का इस्तेमाल किया गया.पुलिस ने ऑटो को कब्जे में लेने के साथ ही दो दोनों को हिरासत में लिया है. दोनों से धनबाद के एसएसपी और सिटी एसपी पूछताछ कर रहे हैं.उत्तम आनंद के छोटे भाई सुमन आनंद ने पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट है कि उनकी हत्या की गई है. कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच हो. मेरे भाई के हत्यारे को सजा मिले. लोगों को न्याय देने वाले के परिवार को आज खुद इंसाफ की जरूरत है. न्यायाधीश उत्तम आनंद का पार्थिव शरीर बुधवार की देर रात हजारीबाग शिवपुरी स्थित उनके आवास पर ले जाया गया. उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिएकाफी संख्या में शहर के लोग भी जुटे हैं. पूरा परिवार सदमे में है. हजारीबाग मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार कर दिया गया.
झारखंड हाईकोर्ट मामले में लिया संज्ञान: हाईकोर्ट ने धनबाद के जज उत्तम आनन्द की मृत्यु मामले में संज्ञान लिया है. अदालत ने धनबाद के जिला न्यायाधीश के पत्र पर इस मामले में संज्ञान लेते हुए सुनवाई की और डीजीपी और धनबाद एसएसपी को भी तलब किया. पूरे मामले की जानकारी भी उनसे ली. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन ने प्राथमिकी होने में देर होने पर नाराजगी जाहिर की है. डीजीपी को जल्द इस मामले त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया.अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट इस मामले की मॉनिटरिंग करेगा. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि किसी भी वक्त अगर अदालत को ऐसा लगा कि जांच में कोताही बरती जा रही है तो यह मामला सीबीआई को दे दिया जाएगा. हाईकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि झारखंड में कुछ दिनों पहले एक पुलिस पदाधिकारी की भी मौत हुई थी, उसके बाद एक वकील की हत्या हुई और अब एक जज की मृत्यु संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई है. इसका मतलब यह है कि झारखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर हो चुकी है.
झारखंड एजी ने कहा मामला गंभीर: राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने सरकार का पक्ष रखा. एजी ने अदालत को बताया कि इस मामले में सरकार गम्भीर है और पुलिस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच कर रही है. मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है और वरिष्ठ IPS अधिकारी संजय लाटकर इस SIT की टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे. अदालत ने महाधिवक्ता के इस जवाब पर संतुष्टी जताते हुए कहा कि पुलिस की क्षमता पर उन्हें सन्देह नहीं है. लेकिन यह मामला काफी गंभीर है. प्रार्थी अधिवक्ता हेमंत शिकवार ने इस मामले में जनहित याचिका दाखिल की है.सुनवाई के दौरान डीजीपी नीरज सिन्हा धनबाद के एसएसपी भी अदालत के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे.