जमशेदपुर : कुड़मी समाज के लोग खुद को आदिवासी का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर तीसरी बार आंदोलन की तैयारी में हैं. इसको लेकर कुड़मी समाज के लोग तैयारियों पर जोर दे रहे हैं. कुड़मी समाज के लोगों का कहना है कि कुड़मी संगठनों का यह आंदोलन काफी व्यापक होने जा रहा है. इसके लिए झारखंड के साथ ही बंगाल व ओड़िशा में भी संगठन के लोग अपने-अपने स्तर से इसकी तैयारी कर रहे हैं.
बताते चलें कि झारखंड में कुड़मी समाज अपने हक और अधिकार की मांग को लेकर काफी दिनों से आंदोलन चला रहा है. झारखंड में कुड़मी समुदाय के लोग खुद को आदिवासी का दर्जा दिये जाने की मांग कर रहे हैं. (नीचे भी पढ़े)
इसको लेकर समुदाय के लोग दो बार रेल रोको आंदोलन कर चुके हैं और अब अपनी मांग को लेकर आगामी 20 सितंबर को तीसरी बार रेल रोको आंदोलन करने वाले हैं. इसके तहत कुड़मी समाज मनोहरपुर, नीमडीह, गोमो और मुरी स्टेशनों पर रेल रोको आंदोलन करने की तैयारी कर रहा है. यह आंदोलन 20 सितंबर को होगा. इसी तरह बंगाल का कुड़मी समाज कुस्तौर व खेमाशुली, जबकि ओड़िशा का कुड़मी समाज बारीपदा व रायरंगपुर स्टेशनों में 20 सितंबर को ही रेल रोको आंदोलन करने की योजना बना रहा है.(नीचे भी पढ़े)
झारखंड के आंदोलन के संबंध में कुड़मी विकास मोर्चा के अध्यक्ष शीतल ओहदार की मानें तो इस बार आर या पार की लड़ाई होगी. कुड़मी समाज की ओर से यह रेल रोको आंदोलन तीसरी बार आयोजित होने जा रहा है. इससे पहले यह आंदोलन 20 सितंबर, 2022 व पांच अप्रैल, 2023 को आयोजित हो चुका है. अप्रैल 2023 का रेल रोको आंदोलन लगातार पांच दिन तक चला. आदिवासी कुड़मी समाज के प्रमुख नेता अजीत प्रसाद महतो का कहना है कि आंदोलन का स्वरूप जब तक आर-पार का नहीं होगा, हमारी बातों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा. अजीत महतो की मानें तो इस बार का आंदोलन बंगाल, झारखंड व ओडिशा में एक साथ होगा. इससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ेगा, यह हमें (कुड़मी संगठन को) भी मालूम है, इसीलिए संगठन की ओर से पहले ही आम लोगों से माफी भी मांग ली गयी है.