संतोष वर्मा
चाईबासा : देर से ही सही पर राज्य के मजदूरों को अपने ही घर में दो वक्त की रोटी उपलबध हो इसके लिए राज्य कि हेमंत सरकार व टीम नें रोजगार उपलबध कराने के लिए कई जनउपयोगी योजनाओं का खाखा तैयार कर ली है, जिसे धरातल पर उतारने की कवायद शीघ्र की जायेगी. सरकार का एक मात्र उद्देश्य है की प्रवासी मजदूर दूसरे राज्य से अपना घर लौट रही है तो फिर दोबारा इन मजदूरों को दो जून की रोटी के लिए दूसरे राज्य वापस ना लौटें. हालांकि, अब तक केंद्र हो या राज्य में कितने सरकार आये और बदले गये लेकिन एक बड़ी आबादी वाले इन प्रवासी मजदूरों के लिए किसी ने नहीं सोचा. आज जब कोराना जैसी महामारी बिकराल रूप ले ली तो झारखंड, बिहार और बंगाल के बड़े तैयार में दूसरे राज्य को सजाने संवारने वाले मजदूरों को अपने-अपने राज्य वापस लौटने पर मजबूर होना पड़ा. वहीं जब कोरोना जैसी महामारी देश में फैलने लगी तब सरकार को एहसास हुआ और नींद खुली की एक बड़ा आबादी देश के विभिन्न राज्यों में बसें है रोजगार के खातिर. खैर मामला जो भी बहाना कोरोना हो मगर हेमंत सरकार नें बड़ी फैसला लेते हुए करीब 20 लाख प्रवासी मजदूरों को अपने घर बुलाने का साहस तो किये और उन प्रवासी मजदूरों को अपने वतन में ही रोजगार देने के प्रयास में जुट गये है ताकि दोबारा इन मजदूरों को चार पैसे कमाने के लिए वापस ना लौटना पड़े. हालांकि, यह सरकार का चुनौती भरा कदम है मगर अब देखना है की सरकार इस उद्देश्य पर खड़ा उतरती पाती है या फिर घर लौटे मजदूर प्रवासी बनने को बाध्य होगें. वहीं हेमंत सरकार के राज्य के पीएचईडी मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने दूसरे राज्य से आ रहे प्रवासी मजदूरों को भरोसा दिया है कि उन्हें उनके गांव में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस दिशा में तेजी से योजना बना रहे हैं.
मंत्री ने कहा कि उनके पास पीएचईडी के साथ स्वच्छता विभाग भी है, जिसमें रोजगार के काफी असीम संभावना है. उनका विभाग भी प्रवासी मजदूरों को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए योजना बना रहा है, जो जल्द ही धरातल पर उतरेगा. दूसरी ओर मंत्री ने कहा की राज्य का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रवासी मजदुरों को कैसे नियोजित किया जाए. इसकी चितंन में है और राज्य को कोरोना संक्रमण से मुक्त कराने के लिए कार्य कर रहें हे ताकी झारखंड राज्य कोरोना मुक्त राज्य बनें. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नें प्रवासी मजदूरों को देखते हुए प्रधानमंत्री से मांग किया गया है की मनरेगा में रोजगार दिवस को बढ़ाया जाये, मजदूरी दर को बढ़ाया जाय तथा बिरसा हरित क्रांति ग्राम योजना, जल समृद्दि योजना तथा फोटो हो योजना से भी रोजगार मिलने की असीम संभावनाएं है, जिसे सरकार धरातल पर उतारने की तैयारी कर ली है. वहीं भी कहा गया राज्य में तसर का उत्पादन बड़े पैमाने पर होती थी जिसे उत्पादन को बढ़ाना है. इसी प्रकार स्वच्छता विभाग में भी ड्रेनेज, किचेन गार्डेन आदी कई योजनाओं से रोजगार के अवसर खुलेंगें. साथ ही कृषि, पशुपालन, ग्रामीण विकास विभाग में भी कई योजनाएं शुरू होगी, जिसे मजदूर को रोजगार मिलेगे ताकी प्रवासी मजदुरों को दूसरे राज्य में वापस जाने का मुंह नहीं देखना पड़े.