रांची : झारखंड विधानसभा में एमजीएम अस्पताल में महिला मरीज के साथ हुई बलात्कार की घटना का मुद्दा और गरमा गया है. इस मामले को लेकर भाजपा की ओर से विधायक अनंत ओझा ने इस मामले को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव भी लाया, लेकिन इस प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने खारिज कर दिया. शुक्रवार को जैसे ही विधानसभा में स्पीकर ने प्रश्नकाल शुरू किया, वैसे ही विधायक भानु प्रताप शाही ने एमजीएम अस्पताल में हुए रेप के मामले को उठाया. इस दौरान सीधे तौर पर भाजपा ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को आड़े हाथों लिया और कहा कि जिस एरिया से खुद स्वास्थ्य मंत्री आते है, वहीं पर सरकारी अस्पताल में मरीज के साथ रेप हो जाता है. आठ दिनों तक सरकार और पुलिस हाथ पर हाथ धरी रहती है और मीडिया मुद्दे को उठाती है तो चुप्पी साधे रहती है. मीडिया के दबाव के बाद इस मामले में कार्रवाई शुरू होती है और एफआइआर दायर किया जाता है. इन लोगों ने तत्काल कार्रवाई करने की मांग की. इस पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सदन में जवाब दिया और कहा कि इस मामले की जांच करने का आदेश जमशेदपुर के एसएसपी से कहा गया है. मामले की जांच की जा रही है. जांच में किसी तरह की कोई कमी नहीं रहेगी. सरकार इस मामले में उचित कार्रवाई करेगी. लेकिन इस बयान के दौरान बन्ना गुप्ता ने रेप के मामले को ही संदेहास्पद (सस्पेक्टेड) बता दिया, जिसके बाद हंगामा शुरू हुआ. विधायक स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ एक बार फिर से वेल में आ गये और हंगामा करने लगे. इसके बाद राज्य के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने सरकार के तरफ से जवाब दिया और कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जायेगा. पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि मंत्री बन्ना गुप्ता का बयान देना कि पूरा मामला संदिग्ध है, यह बताता है कि सरकार लीपापोती करना चाहती है और गंभीर से मामले को नहीं ले रही है. इस दौरान स्पीकर ने कहा कि जांच का वक्त दीजिये, जिसके बाद भाजपा के विधगायक शांत हुए. सदन में भाजपा ने 24 घंटे में जांच पूरी कर कार्रवाई करने की मांग की है.
jharkhand-lagislature-assembly-झारखंड विधानसभा में उठा एमजीएम अस्पताल में मरीज के साथ हुई रेप की घटना, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को भाजपा ने सदन में घेरा, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा-मामला संदेहास्पद, हंगामा और बढ़ गया
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