जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्व के विधायक सरयू राय ने सोमवार को झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के शून्यकाल में जमशेदपुर के 86 बस्तियों के मालिकाना हक़ का मामला उठाया. इसका विधानसभा की शून्यकाल समिति द्वारा संज्ञान लिया जाएगा. इस बारे में विगत 6 माह में मुख्य सचिव एवं सचिव स्तर पर श्री राय के साथ तीन बैठकें हो चुकी हैं पर प्रगति संतोषजनक नहीं है. सरयू राय ने सचिव, विधानसभा के माध्यम से शून्यकाल की सूचना दी गयी है. सरयू राय ने कहा है कि 2005 में टाटा लीज नवीकरण समझौता के समय एक अलग अनुसूची कायम कर 1700 एकड़ से अधिक जमीन पर बसी बस्तियों को टाटा लीज से बाहर किया गया. वर्ष 2006 में सरकार में इन बस्तियों का सर्वे कराया और कहा कि इनके वाशिंदों को मालिकाना हक दिया जायेगा. मगर आज तक 86 बस्तियों के नाम से मशहूर इन बस्तियों के वाशिंदों को मालिकाना हक नहीं मिला. इस बारे में छह में मुख्य सचिव और सचिव स्तर पर उनके साथ तीन बैठकें हो चुकी है पर प्रगति संतोषजनक नहीं है. उन्होंने मांग किया है कि इस बारे में विगत 6 माह में मुख्य सचिव और सचिव स्तर पर उनके साथ तीन बैठकें हो चुकी है पर प्रगति संतोषजनक नहीं है. सरयू राय ने मांग की है कि जमशेदपुर की इन बस्तियों को सरकार अविलंब मालिकाना हक दें जिसके लिए कानून बनाये और इस कानून को जमशेदपुर के साथ ही राजय के अन्य स्थानों पर भी लागू करें.
बहरागोड़ा के विधायक समीर महंती ने मॉनसून सत्र के शून्य काल में हाथियों का मुद्दा उठाया
बहरागोड़ा के विधायक समीर महंती ने मॉनसून सत्र के शुन्य काल में सोमवार को विधानसभा क्षेत्र में विगत एक वर्ष से हाथियों के उत्पात के मामले को रखा. विधायक ने हाथियों के मामले को सरकार के समक्ष रखकर सरकार से मांग किया है कि विधानसभा क्षेत्र से स्पेशल टास्क फोर्स गठित कर हाथीयों को सुरक्षित स्थान पहुंचाया जाये. श्री महंती ने कहा कि विगत एक वर्ष में हाथियों के झुंड ने विधानसभा क्षेत्र में कई ग्रामीणों की जान ले ली है. इससे लोगों में दहशत का माहौल है. कहा कि हाथियों द्वारा वर्ष 2019-2020 मे हाथियों द्वारा किए गए जान-माल के नुकसान, फसल की बर्बादी की है.उन्होंने सदन के माध्यम से मांग किया है कि चाकुलिया, बहरागोड़ा मे स्पेशल टास्क फोर्स हाथियों को भागने के लिए किया जाए. साथ ही वर्तमान मे जो मुआवजा फ़सल की बर्बादी, उपयोगी समानों की बर्बादी, आदि पर जो मुआवजा सरकार द्वारा दी जाती है उसको बढ़ाया जाए.
पश्चिम सिंहभूम में बालू घाटों का टेंडर शीघ्र कराने की मांग को लेकर विधायक सोनाराम सिंकु नें सौंपा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मांग पत्र
झारखंड सरकार द्वारा बालू घाटों का नीलामी नहीं किये जाने के कारण बालू माफियाओं की चांदी कट रही है. वहीं बालू नहीं मिलने के मध्यम वर्ग के लोगों को बालू नहीं मिल रहा है जबकि बड़े कारोबारी, उद्योगपतियों तथा ठेकेदारों को बालू माफियाओं द्वारा बालू का अवैध कारोबार के कारण बालू उपलब्ध हो जाती है. लेकिन सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है और बालू माफियाओं का जेब गर्म होती है. इन सभी मामलों को लेकर सोमवार को पश्चिमी सिंहभूम जिलों में बालू घाटों का निविदा कराने की मांग को लेकर जगन्नाथपुर विधायक सोनाराम सिंकु द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मांग पत्र सौंपा है. विधायक सोनाराम सिंकु द्वारा दिए गए मांग पत्र में लिखा गया है कि पश्चिम सिंहभूम जिले में बालू उठाव को लेकर फिलहाल सरकारी प्रतिबंध है. फलस्वरूप बालू माफियायों द्वारा चोरी-छिपे बालू का उठाव धड़ल्ले से किया जा रहा है. इससे सरकारी राजस्व की भारी क्षति हो रही है. क्षेत्र की जनता से मिली सूचना के अनुसार बालू को लेकर आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यही नहीं सरकारी भवन निर्माण, पथ निर्माण, पुल-पुलिया निर्माण एवं प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए भी बालू का संकट उत्पन्न हो गया है इसलिए आग्रह है कि सरकारी राजस्व को बढ़ाने तथा आमजनों की समस्याओं को देखते हुए बालू उठाव के लिए सरकारी निविदा निकाला जाए. इससे क्षेत्र में बेरोजगारों को रोजगार भी उपलब्ध होगा और साथ ही साथ बालू माफियाओं पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा.