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jharkhand-legislature-budget-session-झारखंड विधानसभा का बजट सत्र का हुआ समापन, अंतिम दिन चार विधेयक को मिली मंजूरी, आदित्यपुर का श्रीनाथ यूनिवर्सिटी खोलने का भी विधेयक पारित, निजी क्षेत्रों में 75 फीसदी आरक्षण का बिल पेश, जेपीएससी, डीवीसी समेत कई मुद्दों को उठाया गया, माहौल गर्माया

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रांची : हंगामा और हल्ला के बीच झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का समापन हो गया. अंतिम दिन विधानसभा में चार विधेयक को मंजूरी दे दी गयी. इसके तहत झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक, झारखंड विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक 2021,झारखंड मोटरवाहन करारोपन संशोधन विधेयक 2021 और श्रीनाथ विश्वविद्यालय विधेयक 2021 को पारित किया गया. इसके अलावा झारखंड राज्य के स्थानीय उम्मीदवारों को निजी कंपनियों में 75 फीसदी आरक्षण देने को भी मंजूरी दी गयी, जिसके तहत नियोजन विधेयक को प्रवर समिति को भेज दिया गया. इस दौरान राज्य के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने बताया कि झारखंड विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक से राज्य को 750 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ हो जायेगा. इससे पहले करीब 250 करोड़ रुपये ही राजस्व प्राप्त होता था. इस दौरान यह भी बताया गया कि विधेयक में यह ख्याल रखा गया है कि अन्य राज्यों के वनस्पत विद्युत शुल्क नहीं लिया जायेगा. सिंचाई क्षेत्र और कृषि क्षेत्र को टैक्स के क्षेत्र से बाहर रखा गया है. राज्य में श्रीनाथ विश्वविद्यालय विधेयक 2021 के तहत प्राइवेट यूनिवर्सिटी की स्थापना करने कोमंजूरी दी गयी. झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक भी पारित किया गया, जिसके तहत सीएनटी और एसपीटी एक्ट का पालन करते हुए जमीन लिया जायेगा. इस नये नियम के तहत शहरी क्षेत्र के दो किलोमीटर के रेडियस के अंतर्गत जमीन का अधिग्रहण सहमति के ही लिया जायेगा. इस बिल के खिलाफ संशोधन प्रस्ताव विधायक प्रदीप यादव ने लाया और कहा कि लैंड पुलिंग एक्ट झारखंड में नहीं है. इस नियम का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है. हालांकि, इस संशोधन प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया गया. मुख्यमंत्री ने निजी क्षेत्र में 75 फीसदी स्थानीय लोगों को नौकरी देने की बात कहीं. पक्ष और विपक्ष के 23 संशोधन प्रस्तावों को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरन ने इस मामले को प्रवर समिति को भेज दिया. हेमंत सोरेन ने सदन में कहा कि इस विधेयक से स्थानीय लोगों को लाभफ होगा. ऐसे में विधेयक को प्रवर समिति इस पर फैसला लेगी, जिसके आधार पर स्थानीय लोगों को नौकरी मिलेगा. 15 दिनों के भीतर स्थानीय लोगों को नौकरी देने के प्रस्ताव पर समिति अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. इस नियम को सारे प्राइवेट कंपनियों, एलटीडी और एएलपी में लागू होगा. हालांकि, यह नियम राज्य और केंद्र सरकार की कंपनियों में लागू नहीं होगा. विधानसभा में जेपीसीएससी और डीवीसी और जमीन की ऑनलाइन मैपिंग का मुद्दा भी छाया रहा. इस दौरान क्षेत्रीय भाषा के रिक्त पदों पर शिक्षकों की बहाली का मुद्दा भी उठाया गया. ऊर्दू शिक्षकों की बहाली और जेपीएससी के नियमावली पर सदन में चर्चा हुई. भाजपा के अमित मंडल ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की नयी नियमावली पर आपत्ति जतायी. अमित मंडल ने कहा कि परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा की मार्किंग स्कीम में काफी त्रुटियां है. अमित मंडल ने ध्यान दिलाया कि पहले प्रारंभिक परीक्षा के पेपर-1 और पेपर-2, दोनों में से प्रत्येक पेपर में 40 फीसदी मार्क्स लाना जरूरी था लेकिन नए नियम के मुताबिक दोनों पेपर मिलाकर 80 फीसदी लाना जरूरी होगा. अमित मंडल ने कहा कि इसका मतलब ये हुआ कि यदि किसी ने एक पेपर में 70 और दूसरे पेपर में 10 नंबर हासिल किया तो भी उसे क्वालीफाई मान लिया जायेगा. दरअसल प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य ज्ञान के दो पेपर हैं. पहला पेपर पूरे देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होता है. इसमें करेंट अफेयर्स भी शामिल होता है वहीं दूसरा पेपर केवल झारखंड से जुड़े विषयों से संबंधित होता है. इससे झारखंड के स्थानीय युवाओं को फायदा मिलता था पर अब बाहरी युवा अभ्यर्थियों को प्रारंभिक परीक्षा में लाभ मिलने लगेगा. अमित मंडल ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान कहा कि झारखंड कंबाइंड सिविल सेवा परीक्षा 2021 के नियमों में कई त्रुटियां हैं. इसे रद्द करके नये सिरे से ड्राफ्ट बनाना चाहिए. विधायक अमित मंडल ने जेपीएससी में उम्र सीमा का कट ऑफ डेट अगस्त 2011 से 2016 कर दिये जाने का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि कट ऑफ डेट बदला जाना चाहिये नहीं तो कई अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित रह जायेंगे. बजट सत्र के आखिरी दिन भाजपा विधायक भानुप्रताप शाही और कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी के बीच विवाद हो गया. कांग्रेस विधायक पर आरोप लगाते हुए भानु प्रताप शाही ने कहा कि वे सिर्फ अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाते है. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने मध्यस्थता कर मामले को शांत कराया. झामुमो के सरफराज अहमद ने डीवीसी का मुख्यालय झारखंड लाने की मांग को जोरदार तरीके से उठायी और बताया कि 1948 में हुए समझौता को लागू करने की बात तो तब हो जब उससे जुड़े दस्तावेज हो. यह दस्तावेज ही गायब हो चुका है. डीवीसी पर नकेल कसने की मांग की और झारखंडी को डीवीसी का चेयरमैन बनाने की मांग की. उन्होंने कहा कि उसका मुख्यालय झारखंड में होना चाहिए. झारखंड का हक मारा जा रहा है. इस पर मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि बिहार, झारखंड और बंगाल के सचिवों से वार्ता कर इस पर जल्द फैसला लिया जायेगा. झारखड में जमीन की ऑनलाइन मैपिंग का मामला भी उठाया गया. इसके तहत लंबित ध्यानाकर्षण सवाल पर भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा ने सदन में कहा कि नाम चढ़ाने के दौरान महतो को मुंडा बना दिया जा रहा है. ऐसे में कई उदाहरण भी रखा गया. इस तरह की त्रुटियों को दूर करने की मांग की गयी. इस पर मंत्री ने कहा कि कैंप लगाकर इस समस्या का निराकरण किया जायेगा.

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