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jharkhand-lockdown-……..तो क्या झारखंड में लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ेगा !, क्या है व्यापारियों व उद्यमियों का डिमांड, सरयू राय ने क्या की है सिफारिश, जानिये

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रांची : झारखंड में अभी तीसरे चरण का लॉकडाउन चल रहा है. 17 मई तक यह लॉकडाउन लगा हुआ है. मजदूरों का आना जाना लगातार हो रहा है. झारखंड में मजदूर, छात्र, बीमार, इलाज कराने गये लोगों को रेलवे द्वारा लगातार भेजा जा रहा है, लेकिन इस बीच झारखंड के मुसलिमों की दुमका स्थित संस्था अनजुमन इस्लामिया सह मदरसा कमेटी जामा मसजिद ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र भेजकर जानकारी दी है कि अभी रमजान का महिना चल रहा है, ऐसे में यह उम्मीद है कि 25 मई को ईंद मनायी जायेगी. रमजान के महिना में लोगों की भीड़ बाजारों में उमड़ने लगेगी. अगर 17 मई तक लॉकडाउन रहता है और इसको बीच में ही रमजान के महिना में हटा दिया जाता है तो बाजार में भीड़ नियंत्रित नहीं हो पायेगी. ऐसे में खरीददारी करने वाले लोगों की भीड़ भी उमड़ने लगेगी. इस कारण 31 मई तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया जाना चाहिए ताकि बाजारों की भीड़ को नियंत्रित किया जा सके. 31 मई तक सारी चीजों को व्यवस्थित करने के बाद लॉकडान को हटा दिया जाये. बताया जाता है कि कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद परवेज अली ने यह पत्र लिखा है और कहा है कि 25 मई तक ईंद हो सकती है, ऐसे में लॉकडाउन की अवधि को हर हाल में बढ़ा दिया जाना चाहिए. बाजारों में चाहकर भी सोशल डिस्टेंसिंग नहीं बनाया जा सकेगा, जिस कारण परेशानी बढ़ सकती है. आपको बता दें कि दुमका जिला राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का गृह जिला है और वहां से ही वे विधानसभा चुनाव लड़ते है और विधायक भी है.

सिंहभूम चेंबर चाहती है ग्रीन जोन में मिले राहत, पूर्व मंत्री सरयू राय ने भी की सिफारिश
लॉकडाउन के बीच सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एवं अन्य संगठनों ने मांग की है कि जमशेदपुर पूर्वी, पश्चिम तथा सरायकेला-खरसावां जिले के ग्रीन जोन घोषित होने के कारण खोलने की अनुमति सरकार प्रदान करें. दूसरी तरफ आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में कारखानो को खोलने की अनुमति मिल गई है जिसमें 80 प्रतिशत उद्योग टाटा मोटर्स पर आधारित है लेकिन टाटा मोटर्स को सरकार द्वारा खोलने की अनुमति नहीं दी गई है. जबकि देश में कई राज्यों में ऑरेंज एवं रेड जोन में कारखानों को खोलने की अनुमति दे दी गई है. अगर टाटा मोटर्स को खोलने की अनुमति नहीं मिलती है तो औद्योगिक क्षेत्र की इकाईयों का उत्पादन चालू करने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है. औद्योगिक इकाईयों में तैयार सामान फैक्ट्रीयों में पड़े हुए हैं वह भी नहीं जा पा रहा है जिससे कारखानों की आर्थिक स्थिति और खराब हो गई है. चेंबर द्वारा पहले भी भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री, लघु एवं मध्यम उद्योग नीतिन गडकरी, झारखण्ड के मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को पत्र द्वारा लघु एवं मध्यम उद्योगों को राहत दिये जाने का अनुरोध किया गया है लेकिन इस पर किसी प्रकार का आश्वासन आज तक सरकार ने उद्योग एवं व्यवसायियों को नहीं दिया है जबकि देश के कई राज्यों ने उद्योगों में बिजली के फिक्स्ड चार्ज में राहत देने की घोषणा की है. चेंबर ऑफ कॉमर्स के लोगों ने राज्य के पूर्व मंत्री सरयू राय से भी मुलाकात की थी. इसके बाद सरयू राय ने भी राज्य सरकार से लॉकडाउन में जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां और पश्चिम सिंहभूम में रियायत देने की मांग की है.

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