जमशेदपुर : कोरोना वायरस राष्ट्रीय आपदा घोषित होने के बाद झारखंड सरकार ने भी इससे लड़ने को लेकर कमर कस लिया है. जहां राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में इस वायरस से निपटने की तैयारी शुरू कर दी गई है. इधर झारखंड सरकार के स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने आज जमशेदपुर सर्किट हाउस में कोल्हान के तीनों जिलों के उपायुक्त सहित स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों एवं निजी अस्पतालों के अधिकारियों के साथ बैठक कर कोरोना वायरस से निपटने को लेकर अस्पतालों में जरूरी उपाय उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. मंत्री ने बताया कि इस वायरस से लड़ने के लिए झारखंड पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने बताया कि शहर के अलावा राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने अफवाहों से बचने की नसीहत देते हुए कहा कि राज्य के अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध कराए हैं. इससे डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है. साथ ही कोरोना वायरस को लेकर अफवाहों से मंत्री ने लोगों को बचने की अपील की. वही मंत्री ने सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ इकट्ठा ना हो इसको लेकर मुख्यमंत्री को अवगत कराने की बात कही है. उन्होंने कहा जल्द ही मुख्यमंत्री इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी कर सकते हैं.
दूसरी ओर, एमजीएम दुष्कर्म मामले पर मंत्री बन्ना गुप्ता ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए अस्पताल के अधीक्षक को शो को जारी करने का निर्देश जिले के उपायुक्त को दिया है. वैसे उपायुक्त की ओर से उन्हें रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है. वहीं मंत्री ने दावा किया है कि दोषी पाए जाने पर अधीक्षक पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि मंत्री बन्ना गुप्ता ने साफ शब्दों में कहा है कि अस्पताल के मालिक अधीक्षक हैं और उस अस्पताल में एक महिला मरीज के साथ दुष्कर्म जैसी जघन्य घटना घटती है, ऐसे में उनकी जवाबदेही निश्चित तौर पर बनती है. हालांकि इस दौरान मंत्री बन्ना गुप्ता पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधने से नहीं चूके. उन्होंने कहा कि पूर्व में अस्पताल में 400 के आसपास सुरक्षाकर्मियों की तैनाती रहती थी, लेकिन पिछली सरकार ने किन कारणों से अस्पताल में सुरक्षाकर्मियों की कटौती की उसकी समीक्षा की जा रही है. आपको बता दें कि पिछले 5 मार्च को एमजीएम अस्पताल के मेडिकल वार्ड में एक महिला मरीज के साथ दुष्कर्म की घटना घटी थी. जिससे पूरा राज्य सकते में आ गया था. हालांकि जमशेदपुर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, लेकिन जिस तरह से अस्पताल के अधीक्षक ने मामले में लीपापोती करने का प्रयास किया था, उससे शासन- प्रशासन पर उंगली उठना लाजमी है. हालांकि मंत्री इस मामले में सख्त है और जल्द ही अस्पताल के अधीक्षक के मामले में कोई बड़ा एक्शन लिया जा सकता है.