देवघर : शिक्षा ही मनुष्य के खूबसूरत लिबास और जीवन का सबसे बेहतरीन साथी होते हैं. शिक्षा के बगैर विकास का सपना देखना बेकार है. यह बातें झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक, कल्याण खेलकूद, कला-संस्कृति एवं युवा कार्य मंत्री हफिजूल हसन ने देवघर के मधुपुर स्थित इस्लामिया मदरसा हाजी गली के हॉल स्वागत समारोह में संबोधित करते हुए कहा. उन्होंने कहा कि शिक्षा ही मनुष्य की अच्छाई और बुराई का पहचान कराती है और विकास का राह दिखाता है इसलिए मैं बच्चे के माता-पिता से अपील करता हूं कि अपने बच्चों को शिक्षा की जेवर से मालामाल करें. मंत्री श्री हसन ने कहा कि समाज की बुराइयों के खात्मा के लिए शिक्षा जरुरी है और एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए शिक्षा ही दूर कर सकता है. उन्होंने कहा कि इस्लामी शिक्षा के साथ आज के दौर के हिसाब से तकनीकी शिक्षा पर जोर देने की जरूरत है. प्लेन शिक्षा से बच्चों की जिंदगी सवारने में परेशानी होती है इसीलिए मेरी अपील है कि बच्चों को तालीम के साथ टेक्निकल की शिक्षा भी दें. तकनीकी शिक्षा देने में कोई कोताही ना करें क्योंकि इस दौर में इसकी सख्त जरूरी है. बच्चों को इस्लामी शिक्षा के साथ अच्छी तरबियत और उच्च शिक्षा के दौलत से मालामाल करें. इसको लेकर वे हर तरह की मदद करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि उनके पिता मरहूम हाजी हुसैन अंसारी साहब ने मदरसा के प्रति काफी गंभीर रहते थे. उन्होंने कहा कि उनके पिता का एक ही मकसद रहता था कि मदरसा को कैसे आधुनिक करें ताकि बच्चों की रुझान मदरसा की तरफ खींचे और शिक्षा हासिल करें. इसको लेकर उन्होंने कई मदरसों को मॉडल मदरसा बनाने के लिए पहल किया जहां टेक्निकल शिक्षा के साथ उसे बदला गया ताकि हमारी बच्ची इस्लामी तालीम के साथ टेक्निकल की तालीम हासिल कर सके. ऐसे मदरसों में बे पिता मरहूम ने शानदार बिल्डिंग के साथ कंप्यूटर का व्यवस्था करवाइए. वे भी चाहते है कि हर मदरसा में टेक्निकल शिक्षा हासिल हो इसके लिए आप लोग डीपीआर तैयार करें. व्यवस्था करवाना हमारी जिम्मेदारी है. मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी योगेंद्र प्रसाद ने मदरसा कमेटी से कहा कि इस्लामी तालीम के साथ बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए आज की दौड़ के लिए टेक्निकल जैसे कंप्यूटर साइंस, जैसी शिक्षा देना जरुरी है तभी हम बच्चों का जीवन को बेहतर बना सकते हैं और बेहतर समाज का निर्माण कर सकते है.
