
रांची : झारखंड राज्य में शहरी व ग्रामीणों इलाके में बने अवैध भवनों को अब नहीं तोड़ा जाएगा. मकानों को वैध करने के लिए हेमंत सोरेन सरकार जल्द ही एक नीति बनाएगी. सरकार की इस पहल से करीब 7 लाख अवैध मकान मालिकों को फायदा होगा. यह आश्वासन झारखंड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी है. मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया है कि इस समस्या के निपटारे के बाद होल्डिंग टैक्स में की गई अप्रत्याशित वृद्धि से हो रही कठिनाईयों पर भी सरकार पुनर्विचार करेगी. राज्यसभा सांसद और फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की पॉलिटिकल को–ऑर्डिनेशन कमिटी की चेयरपर्सन डॉ महुआ माजी के नेतृत्व में गुरुवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. इस दौरान चैंबर के सदस्यों ने राज्य में अब तक बने सभी अवैध भवनों (आवासीय एवं वाणिज्यिक) को वैध करने के लिए बिल्डिंग रेगुलराइजेशन स्कीम लाने का आग्रह किया. जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति जतायी.(नीचे भी पढ़े)

मुख्यमंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि शीघ्र ही नीति का ड्राफ्ट सार्वजनिक कर लोगों से आपत्ति व सुझाव लिये जायेंगे. उसके बाद एक माह का समय लेते हुए लोगों के सुझाव को देखते हुए नीति को सभी लोगों के लिए उपलब्ध कराया जायेगा.नगर विकास विभाग की मानें, तो पूरे राज्यभर में करीब 7 लाख ऐसे मकान बने हुए हैं, जिसका या तो नक्शा पास नहीं है या जिनकी जमीन का कागजात पूरा नहीं है. वहीं, राजधानी में कुल 2.25 लाख के करीब ऐसे मकान हैं. रांची नगर निगम की नक्शा शाखा की मानें, तो 32,000 के करीब मकानों का ही नक्शा पास है. ऐसे में करीब 1.90 मकान अवैध हैं. सरकार की नयी नीति से इन मकान मालिकों को सीधे-सीधे फायदा होगा. इस दौरान नगर विकास विभाग के सचिव विनय चौबे भी उपस्थित थे.