

रांची : झारखंड में एक बार फिर से पंचायत चुनाव होने जा रहा है. यह चुनाव अप्रैल-मई माह में होने जा रहा है. चुनाव आयुक्त के तौर पर पूर्व मुख्य सचिव डीके तिवारी को राज्य का नया निर्वाचन आयुक्त नियुक्त कर दिया गया है. इसके बाद पंचायत चुनाव को लेकर अब कार्यवाही शुरू होने वाली है. दिसंबर माह में ही पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो चुका है. नवंबर 2020 तक चुनाव हो जाना था ताकि गांव की सरकार दिसंबर तक स्थापित हो जाये, लेकिन इसको टाल दिया गया. कोरोना के कारण पंचायत चुनाव को रोका गया था, जिसको अब कराने की तैयारी शुरू की गयी है. इसकी पुष्टि खुद कांग्रेस नेता और राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने की है. उन्होंने कहा कि राज्य में अप्रैल से मई माह के बीच पंचायत चुनाव करा लिया जायेगा, इसको लेकर तैयारी की जा रही है. इसको लेकर पंचायतों की चौहद्दी तय की जायेगी. नये सिरे से पंचायत, जिला परिषद के एरिया को तय किया जायेगा. फिलहाल, राज्य सरकार ने पंचायतों की व्यवस्था देखने के लिए अलग से छह माह के लिए कार्यसमिति का प्रावधान किया है, जिसमें जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य के अलावा मुखिया और पंचायत समिति सदस्यों को अधिकार दिया गया है. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कार्यकारी समिति का गठन कर पंचायती राज की शक्तियों को प्रशासकीय समिति के अधीन ला दिया गया है. इस नयी व्यवस्था के तहत मुखिया, पंचायत समिति के प्रमुख, जिला परिषद अद्यक्ष के सम्मान को बनाये रखा गया है. यह समितियां साझा फैला ले सकेगी. समिति का कार्यकाल अधिकतम छह माह या चुनाव होने तक के लिए तय किया गया है.
