रांची: देश में 10 जून को राज्यसभा की 57 सीटों पर चुनाव होगा. झारखंड में भी दो सीटों पर चुनाव किया जाएगा. इसकी अधिसूचना 24 मई को जारी होगी. एक जून से नामांकन की प्रक्रिया शुरु होगी. चुनाव की घोषणा होते ही झारखंड में राजीनिक सरगर्मी तेज हो गयी है. सत्ताधारी के सहयोगी अपने अपने दावे कर रहे है. एक तरफ कांग्रेस तो दूसरी तरफ झामुमो सीट को लेकर ताल ठोक रहे है. पुराने वादे को याद करते हुए सहयोगी कर रहे है कि इससे पूर्व हमलोगों ने आपको सहयोग किया था, इस बार हमारी बारी है और आप हमे सहयोग करें. झामुमो ने अपनी दलीलें दी कि ये गठबंधन के दौरान ही तय हो गया था कि राज्यसभा सीट किसका होगा. फिलहाल भाजपा के पास दो राज्यसभा सदस्य है जिनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इसमें सांसद महेश पोद्दार व मुख्तार अब्बास नकवी शामिल है. झारखंड में राज्यसभा चुनाव के लिए पहली वरीयता 28 वोट प्रत्याशी को हासिल करना होता है. सत्तापक्ष आसानी से आंकड़े को हासिल कर लेगा. लेकिन भाजपा के पास वर्तमान में 26 विधायक है. पहली वरीयता के लिए भाजपा को कम से कम दो और विधायको की जरुरत पड़ेगी.(नीचे भी पढे)
जरुरत हासिल करने के लिए भाजपा को झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के सदस्यों को सहारा लेना होगा. हलांकि भाजपा को आजसू के दो विधायकों पर पूरा भरोसा है कि वे लोग अपना समर्थन देंगे. मोर्चा के विधायकों का वोट दूसरे प्रत्याशी के लिए महत्वपूर्ण होगा. अब देखने वाली बात यह है कि मोर्चा का रुझान किस प्रत्याशी की ओर से होगा, वहीं दूसरा विजयी होगा. इसके लिए दोनों ओर से समीकरण जुगात लगाने की कवायद शुरु हो गयी है. कांग्रेस के लिए समीकरण जुगाड़ करना बहुत ही कठिन लगता है. कांग्रेस को एक सीट का नुकसान हो गयी है. बंधु तिर्की की सदस्यता आय से अधिक मामले में चली गयी है. झारखंड की मौजूदा राजनीतिक स्थिति बहुत ही खराब चल रही है. सभी पार्टियां अपना फायदा देख रही है. राजनीतिक में दाव देखना ही सही मायने में राजनीति कहलाती है.(नीचे भी पढे)
कांग्रेस के वरीय नेता सह सुप्रीम कोर्ट के वकील कपिल सिब्बल पर कांग्रेस अपना दाव खेल सकती है. झामुमो इस समय में मुश्किल में है इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है. कांग्रेस मौका का फायदा उठाना चाह रही है. इसके लिए दबाब भी बना रही है और पुराने दिनों के वादे को याद दिलाते हुए कहा कि अब की बार हमारी बारी है. आप हमको समर्थन दीजिए, पहले हमने आप दो समर्थन दिया था. अब देखना है कि सत्ताधारी आपस में समन्वय बना पाता है या नहीं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि इस बार राज्यसभा चुनाव में भाजपा के कार्यकर्ता को तरहीज देगी. लेकिन मुहर तो आलाकमान ही लगाएगी.