रांची: संथाल परगना के भाजपा के कद्दावर नेता हेमलाल मुर्मू 11 अप्रैल को भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम में झामुमो में शामिल होंगे. फिलहाल भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमलाल मुर्मू बने हुए है. भाजपा ने 8 साल पहले हेमलाल मुर्मू को पार्टी में शामिल कराया था. जिसके बाद चार बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और उन्हें मात खानी पड़ी. भाजपा को लगता था कि संथालपरगना मे हेमलाल मुर्मू की पकड़ अच्छी है जिससे भाजपा संगठन संथाल में मजबूत होगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं.(नीचे भी पढ़े)
8 साल बाद वे घर वापसी करने को तैयार है. इसके बाद संथाल से ही भाजपा के के खिलाफ उलगुलान करेंगे. विदित हो कि हेमलाल मुर्मू ने 2014 में भाजपा में शामिल हुए थे. इसके बाद वे चार बार चुनाव लड़े लेकिन किसी में उन्हें सफलता नहीं मिली. वे न तो विधानसभा और न ही लोकसभा पहुंच सके. भाजपा ने कभी बरहेट, तो कभी लिट्टीपाड़ा साथ ही साथ राजमहल लोकसभा पर भी हाथ आजमाया लेकिन सफलता कहीं नही मिली. वे राजमहल के सांसद भी रह चुके है.साथ ही बरहेट से चुनाव लड़े और सफलता मिली, ये सब झामुमो में रहते हुए उन्होंने सफलता मिली. (नीचे भी पढ़े)
लेकिन जैसे ही भाजपा में शामिल हुए उनकी राजनीति हासिए पर चला गया. उन्होंने आभास हो गया कि भाजपा में रहकर राजनीति नहीं कि जा सकती है इसलिए उन्होंने झामुमो में जाने की तैयारी है. वर्तमान परिस्थिति में झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम का अपनी ही सरकार के खिलाफ तेवर को देखते हुए उन्हें झामुमो में संभावना दिख रही है. संथाल परगना में हेमंत सोरेन के आपके द्वार कार्यक्रम में पहुंचकर झामुमो में शामिल होने पर अपनी सहमतित दे दी. (नीचे भी पढ़े)
हेमलाल मुर्मू का कहना है कि झामुमो में चार दशक तक अपनी सेवा दी है. संथाल परगना के जनजाति समुदाय का झामुमो से काफी लगाव है. भाजपा का ग्रास रुट पर पकड़ कमजोर है. भाजपा का हिन्दुत्व, राष्ट्रवाद के साथ साथ फेसबुक व वाट्सएप के भरोसे राजनीति चलती है. जमीनी तौर भाजपा के नेता नहीं दिखते है.2024 में झामुमो को फायदा होगा.