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jharkhand-proud-केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय को मिला ‘स्कॉच अवार्ड’, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की मेहनत रंग लायी

राशिफल

जमशेदपुर : केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने डीबीटी के माध्यम से छात्रवृत्ति देने व आदिवासी समुदाय के लोगों को सशक्त बनाने का जो काम किया है उसको लेकर स्कॉच गोल्ड अवॉड मिला है. 2020 में आयोजित 66वीं स्कॉच प्रितयोगता का आयोजन किया गया था. प्रतियोगिता का विषय डिजिटल गवर्नेंस के माध्यम से कोविड का मुकाबला कर रहा भारत था. जनजातीय कार्य मंत्रालय का यह प्रोजेक्ट डिजिटल डंडिया के सपनों को सकार करने व पारदर्शिता लाने के साथ सेवाओं के प्रासर को सुविधाजनक बनाने के लिए केंद्र सरकार की अटूट संकल्प की दिशा में एक अहम कदम है. ‘डिजिटल इंडिया’के व्यापक दृष्टिटोण को आत्मसात करने व ई-गवर्नेंस के लक्ष्य को पूरा करने के लिए छात्रवृत्ति के कुल पांच योजनाओं को डीबीटी पोर्टल के साथ जोडा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर इस पहल इसका शुभारंभ 12 जून 2019 को केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा और राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता ने की थी. मंत्रालय की इस उपलब्धि पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आदिवासी युवाओं के विकास को जो लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखा है उसे धरातल पर लाने के लिए मंत्रालय ने पूरी कोशिश की है. उन्होंने कहा कि डीबीटी भ्रष्टाचार के खिलाफ एक क्रांति है, जिसने देश में शासन तंत्र को बदल दिया है. अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस स्तर की परियोजनाएं प्रधानमंत्री के विजन और डीबीटी मिशन, नीति आयोग के सुझाव व मंत्रालय की पूरी टीम ललक व कोशिश से ही यह संभव हो पाया है. कहा कि पूरी टीम की कोशिश थी की लॉकडाउन के दौरान आदिवासियों को समय पर उनका पैसा मिले. वर्ष 2019-20 के दौरान नरंव छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत करीब 2,500 करोड़ रुपये 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के करीब 30 लाख छात्रों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से सीधे भेजे गये. यह पोर्टल वेब सेवाओं के माध्यम से राज्यों को डाटा साझा करने की सुविधा प्रदान करता है और राज्य ऑनलाइन प्रस्ताव, यूसी और एसओई ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं. इससे बजट रिलीज के लिए कागज आधारित अनिवार्य यूसी निगरानी से डाटा सक्षम बजट रिलीज और निगरानी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आया है. इससे छात्रवृत्ति जारी करने का समय काफी कम हो गया है और अब उसी शैक्षणिक सत्र में छात्रवृत्ति जारी करना संभव है, जिसमें प्रवेश लिया गया है.

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