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jharkhand-raghubar-das-vs-saryu-roy-झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास जिन गाड़ियों में घुम रहे थे, वे गाड़ियां पूजा सिंघल घूसकांड में पकड़े गये प्रेमप्रकाश और उसके करीबियों से जुड़े, इडी को दिये सबूत, फोटो और वीडियो, जानें क्या है बड़ा आरोप-video-देखिये-video

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जमशेदपुर : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ विधायक सरयू राय ने सारे फोटोग्राफ और दस्तावेजों के साथ नयी जानकारियां प्रवर्तन निदेशालय से साझा की है. आइएएस पूजा सिंघल के मामले की जां चकर रही प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की चल रही जांच के बीच उन्होंने कई सबूत पेश किये है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि सीधे तौर पर रघुवर दास इस मामले में आरोपी प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव के साथ जुड़े हुए है. उन्होंने बताया है कि इनोवा कार संख्या- जेएच1डीवी-1101 प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव के करीबी राज़दार पुनीत भार्गव ने 21 फरवरी, 2020 को सासाराम, बिहार के बैंक ऑफ बड़ौदा से ऋण लेकर ख़रीदा है, रांची में इसका रजिस्ट्रेशन हुआ है. यह कार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा आरंभ से ही उपयोग में लाई जा रही है. श्री दास द्वारा कतिपय सरकारी कार्यक्रमों में इस कार का उपयोग करने के वीडियो एवं श्री दास के एग्रिको, जमशेदपुर स्थित आवास के गैराज में खड़ी इस कार के साथ उनके फोटो संलग्न किया गया है. इसके अलावा फॉर्चुनर कार संख्या जेएच05सीआर-0011 जिसे हेहल, रांची के सुरेन्द्र मोहन, पिता नकुल साहू ने स्टेट बैंक रांची से 20 लाख रुपये ऋण लेकर 23 मई, 2020 को ख़रीदा है. इसका रजिस्ट्रेशन जमशेदपुर में हुआ है. कार की क़ीमत का शेष 20 लाख रुपये नीलांचल कम्पाउण्ड, पिस्का मोड़, रांची के निवासी और अनिदेव इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक ने नगद और चेक से चुकाया है. इस कार का उपयोग भी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास कर रहे हैं. श्री राय ने अपने पत्र में बताया है कि झारखंड के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों में इस कार का उपयोग करते हुए रघुवर दास के चित्र संलग्न भी संलग्न किया है. श्री राय ने बताया है कि कार की ख़रीद में प्रयुक्त धन के स्रोत संदिग्ध हैं. इसकी जांच से उपर्युक्त कांड के साथ इसके संबंध का पता चल सकता है. श्रऐी राय ने कहा है कि झारखण्ड सरकार के उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने 28 जून 018 को रांची के अरगोड़ा थाना में प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव एवं अन्य के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिये थाना प्रभारी को सप्रमाण पत्र दिया था पर तत्कालीन सरकार में मुख्यमंत्री कार्यालय अथवा मुख्य सचिव कार्यालय से प्राप्त निर्देश के आलोक में प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई. यह एक गम्भीर मामला है जिसका सीधा संबंध धनशोधन के उस कांड के साथ है जिसकी जांच सम्प्रति प्रवर्तन निदेशालय की रांची शाखा कर रही है. उत्पाद विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा अरगोड़ा थाना प्रभारी को प्रेषित सप्रमाण प्राथमिकी पत्र की प्रति भी सरयू राय ने संलग्न किया है. श्री राय ने यह भी बताया है कि प्रवर्तन निदेशालय रांची के पल्स अस्पताल में लगे धन की जांच कर रहा है, जो पूजा सिंघल से संबंधित है. इस अस्पताल भवन की ख़रीद और पुनरुद्धार और निर्माण का कार्य 2018 से 2020 के बीच हुआ है. स्पष्ट है कि इस कार्य में लगा धन यदि अवैध है तो इसे तत्कालीन सरकार में ही अर्जित किया है. तत्कालीन सरकार के मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के साथ पूजा सिंघल के घनिष्ठ एवं आत्मीय संबंध जगज़ाहिर हैं. इस अवैध धन का स्रोत जानने के लिये इस अवधि में श्रीमती सिंघल और तत्कालीन सरकार में प्रभावी प्रेम प्रकाश एवं अन्य किरदारों के क्रियाकलापों की जांच ज़रूरी है. जांच के दायरे में उत्पाद विभाग, पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग, खान विभाग, कौशल विकास विभाग, ऊर्जा विभाग आदि के संदेहास्पद कार्यों की तह में जाने से इस अवैध धन के स्रोत पता चल सकते हैं. श्री राय ने मांग की है कि जांच की परिधि निर्धारित या विस्तारित करते हुए झारखंड से सत्ता संरक्षण में चलने वाले भ्रष्टाचार एवं धनशोधन अपराधों का जड़ से सफ़ाया हो सके और दोषी बेनक़ाब हो सकें.

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