रांची/जमशेदपुर : झारखंड में कोरोना काल के सावधानियों के बीच भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन शुभद्रा की पूजा की गयी. राजधानी रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को रथयात्रा के अवसर पर धुर्वा रांची स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचे. मुख्य मंदिर का पट बंद रहने के कारण बाहर द्वार से ही शीश झुकाकर भगवान से प्रार्थना की. इस मौके पर मंदिर के पुजारी ने गर्भगृह के बाहर ही विधि-विधान पूर्वक पूजा संपन्न कराई. सरकार के निर्देश के तहत मंदिर का पट आम लोगों के लिए बंद रखने का निर्णय लिया गया है. इसी कारण मुख्यमंत्री ने भी मंदिर के बाहर से ही पूजा-अर्चना की तथा राज्यवासियों की सुख-समृद्धि की भगवान जगन्नाथ से कामना की. मुख्यमंत्री ने सरकार द्वारा रथयात्रा की अनुमति नहीं देने के लिए भगवान जगन्नाथ से क्षमा भी मांगी. इस मौके पर उनकी धर्मपत्नी कल्पना सोरेन और मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद भी थे. इस मौके पर मंदिर परिसर में प्रेस-मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आज का दिन रथयात्रा का दिन है. परंपरा के अनुसार हम सभी लोग रथयात्रा को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते रहे हैं. आज के दिन भगवान जगन्नाथ जी के मंदिर परिसर में काफी चहल-पहल हुआ करता था जिसके गवाह हम सभी लोग हैं. दुर्भाग्य है कि पिछले वर्ष तथा इस वर्ष भी वैश्विक महामारी कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने निमित्त रथयात्रा नहीं निकल पा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य एवं देश वैश्विक महामारी से गुजर रहा है इस महामारी में न जाने कितने लोगों ने अपनी जान गवाई है. कोरोना महामारी से कई लोगों ने अपने परिजनों को खोया है. कई बच्चों से उनके माता-पिता का साया उठा है. आज भी कोरोना संक्रमण हमारे इर्द-गिर्द मंडरा रहा है. पुन: संक्रमण का ध्यान रखते हुए इस बार भी भारी मन से रथयात्रा नहीं निकाल पाने का निर्णय राज्य सरकार को लेना पड़ा है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भगवान जगन्नाथ के प्रति आस्था रखते हुए अपने-अपने घरों पर ही भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना तथा आराधना करने की अपील लोगों से की है. (नीचे पूरा फोटो और न्यूज देखे कैसे मनाया गया भगवान जगन्नाथ यात्रा)
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकार को घेरा
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मसले को लेकर राज्य सरकार को घेरा. रघुवर दास ने ट्विट कर कहा है ”मुख्यमंत्री जी आपने रथ यात्रा की अनुमति न देकर हिंदुओं की भावना व छोटानागपुरी परंपरा को ठेस पहुंचाई है. यह इच्छाशक्ति की कमी व निर्णय लेने में अक्षमता का परिणाम है. क्या ओड़िशा व गुजरात में कोरोना नहीं है? वहां सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए यात्रा को मंजूरी दी है. (नीचे देखिये कैसे मना जमशेदपुर में रथ यात्रा)
जमशेदपुर में निकली भव्य रथ यात्रा, शामिल हुए सांसद
भगवान जगन्नाथ स्वस्थ्य होकर रथ पर सवार होकर भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण करते हुए मौसी बाड़ी के लिए प्रस्थान करेंगे. वैसे तो हर साल प्रभु के रथ यात्रा में देशभर में लाखों श्रद्धालु शिरकत करते हैं, लेकिन पिछले दो साल से कोरोना महामारी के कारण विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा पर ग्रहण लग गया है. हालांकि इस दौरान धार्मिक स्थलों एवं प्रभु जगन्नाथ पर आस्था रखनेवाले श्रद्धालु परंपरा का निर्वहन करते हुए रथ यात्रा की तैयारी कर रहे हैं. जमशेदपुर में भी वैदिक रीति रिवाजों का निर्वहन करते हुए भगवान जगन्नाथ के रथ यात्रा की तैयारी चल रही है. कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मंदिरों के आयोजकों द्वारा रस्म अदायगी की जा रही है. आम श्रद्धालुओं को इस अनुष्ठान से अलग रखा गया है. (नीचे देखे वीडियो और न्यूज)
जमशेदपुर के केबुल टाउन स्थित इस्कॉन मंदिर में भी सादगीपूर्वक रथ यात्रा का आयोजन किया गया है. जहां मंदिर के आयोजकों द्वारा मंदिर प्रांगण में ही प्रभु को रथ पर भ्रमण कराया जाएगा. इस मौके पर सांसद विद्युत वरण महतो समेत अन्य लोगों ने हिस्सा लिया. ब्रह्म बेला में गंगा जल से स्नान कर भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और बहन शुभद्रा के नए वस्त्र धारण करने के बाद पूजा-अर्चना शुरू हो गई. वही छोटानागपुर का सबसे पुराना मंदिर नागा मंदिर में भी अहले सुबह से पूजा-अर्चना शुरू हो गए. वैसे इस्कॉन द्वारा आयोजित रथ यात्रा को लेकर पूजा अर्चना चल रहा है. हालांकि आम लोगों के रथ खींचने पर पाबंदी है. कोरोना के गाइडलाइन को पालन करते हुए सभी मंदिर कमेटियों ने यह निर्णय लिया है कि लोग भगवान का दर्शन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर दूर से कर सकते हैं.