खबरjharkhand-rims-management-रांची के रिम्स अस्पताल के शासी परिषद की बैठक में कई अहम...
spot_img

jharkhand-rims-management-रांची के रिम्स अस्पताल के शासी परिषद की बैठक में कई अहम मुद्दों को मिली मंजूरी, स्वास्थ्य मंत्री की अनुशंसा पर हो सकेगा मुफ्त में गरीबों का 5 लाख तक का इलाज, कई अन्य को भी दिया गया अनुशंसा का अधिकार, जानें क्या-क्या हुआ अहम फैसला

राशिफल

रांची : झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के 52वें शासी परिषद की बैठक सोमवार को हुई. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई फैसले लिये गये. इसके तहत तय किया गया कि झारखंड राज्य अंतर्गत वैसे मरीज जिनके पास कोई भी कार्ड उपलब्ध नहीं है वैसे निर्धन मरीजों को निःशुल्क चिकित्सीय सुविधा दी जायेगी. इसके तहत अधीक्षक के स्तर पर 50000 रूपये तक का इलाज मुफ्त हो सकेगा जबकि निदेशक के स्तर तक 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक जबकि अध्यक्ष शासी परिषद सह विभागीय मंत्री की अनुशंसा पर एक लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में लोगों का हो सकेगा. रिम्स के तहत10 वर्षों से अधिक से कार्यरत दैनिक कर्मियों के नियमानुसार समायोजन पर स्वीकृति दी गयी. इसके अलावा 20 बेड वाले पीपी मोड पर डायलेसिस यूनिट का अधिष्ठापन पर सैद्धांतिक अनुमोदन किया गया. इसके अलावा कोरोना के तीसरी लहर को देखते हुए शिशु रोग विभाग में आवश्यक उपकरण के क्रय पर स्वीकृति दी गयी. ट्रामा सेन्टर में आवश्यक पदों की सृजन पर सैद्धांतिक सहमति दी गयी. पीइटी सीटी स्कैन को निजी संस्था बरलिन डायग्नोस्टिक व डे केयर के साथ एकरारनामा किये जाने पर स्वीकृति दी गयी. कैंसर मरीज को रेडियो थैरेपी हेतु आवश्यक उपकरण के क्रय पर स्वीकृति दी गयी. आर्थो डेंटिस्ट के पद स्थानान्तरण पर स्वीकृति दी गयी. 128 स्लाईस स्कैन मशीन लगाने की स्वीकृति दी गयी. जिनोमिक सिकवैन्सिंग एवं ट्रास्लेशन मेडिसिन विभाग के स्थापना की स्वीकृति दी गयी. इसके अलावा रिम्स अंतर्गत निजी प्रैक्टिस के जांच हेतु निजी खुफिया एजेन्सी का चयन पर सैद्धान्तिक स्वीकृति दी गयी. यह भी तय किया गया कि रांची यूर्निवसिटी की तर्ज पर विभागाध्यक्ष के पद को रोटेशनल बेसिस पर अधिकतम दो वर्षों तक पदस्थापन पर सैद्धांतिक सहमति दी गयी. टीएण्डएम एजेन्सी कार्यरत कर्मियों को अनुग्रह राशि के किए गए भुगतान पर घटनोत्तर स्वीकृति दी गयी. शासी परिषद की बैठक का कार्यवाही प्रतिवेदन सभी सदस्यों को 15 दिनों के अंदर उपलब्ध कराया जाए, इसका भी निर्देश दिया गया. नेत्र स्थान का पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार करते हुए नियमानुसार सक्षम स्तर पर (मंत्रिपरिषद) से अनुमोदन प्राप्त कर क्रियान्वयन पर स्वीकृति दी गयी. रिम्स में अभियंत्रण कोषांग का गठन करने की स्वीकृति मिली है. इ-अस्पताल का शुभारम्भ की स्वीकृति मिली है, जिसमें पीएमयू का गठन खुली निविदा के माध्यम से करने की स्वीकृति प्रदान की गयी. कार्डियो थोरोसिक विभाग में लम्बित मेधासूची/ परिणाम प्रकाशन की स्वीकृति दी गयी. रिम्स में पदाधिकारियों के बीच वित्तीय शक्तियों का प्रत्यायोजन पर अनुमोदन किया गया. इसी तरह स्वर्गीय डॉ सिराजुद्दीन एवं डॉ स्मिता गुप्ता से संबंधित चिकित्सीय प्रतिपूर्ति की स्वीकृति एवं रिम्स कर्मियों को बीमा योजना दिये जाने पर विचार किया गया.

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading