रांची : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का पांच दिनों का संघ समागम रांची के रामदयाल मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में शुरू हो गया. पहले दिन एकत्रिकरण कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें संघ से जुड़े लोगों ने एकजुट होकर इस कार्यक्रम में शिरकत की. इस कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एकत्रिकरण कार्यक्रम को संबोधित किया और कहा कि भारत हिंदुओं का राष्ट्र है और हिंदुओं के इस राष्ट्र को कैसे बचाना है, कैसे इसको नाना है, इसकी जवाबदेही हिंदुओं की है. हालांकि, राष्ट्रवाद शब्द पर उन्होंने आपत्ति जतायी और कहा कि राष्ट्रवाद हिटलरशाही को प्रतिविंबित करती है. राष्ट्र बोलिये, राष्ट्रीय बोलिये, राष्ट्रवाद शब्द हिटलरशाही दर्शाता है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं को आरएसएस में शामिल होने और संघ की शाखाओं में जाने की अपील करते हुए कहा कि इससे हिंदुओं का आत्मबल बढ़ता है और हिंदुओं का शारीरिक और मानसिक मजबूती बढ़ती है.
वैसे मोहन भागवत ने दो टूक कह दिया कि टिकट की लालसा लेकर भी कई लोग संघ से जुड़ते है, लेकिन ऐसे लोग संघ से दूर रहे. संघ में कोई लोभ या लालच पूरा नहीं हो सकेगा. किसी भी चाहत को लेकर संघ से कोई जुड़ेगा तो उसको किसी तरह की कोई जगह नहीं मिलने वाली है. संघ सेवा का नाम है और यहां लेने नहीं बल्कि देने के लिए लोग जुड़े. उन्होंने अपने लंबे भाषण के दौरान कहा कि हिंदुओं के राष्ट्र भारत को विश्वगुरु बनाना है और इसी उद्देश्य से भारत को आगे ले जाना है. जब-जब भारत मजबूत हुआ है, तब-तब दुनिया मजबूत होती रही है और निश्चित तौर पर भारत आने वाले दिनों में और मजबूत होगा. उन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए भी आम जन से आह्वान किया कि वे लोग जहां है, वहीं पर पर्यावरण को बचाने की दिशा में कदम उठाये तो निश्चित तौर पर पर्यावरण बेहतर हो सकेगा.
पांच दिनों तक चलने वाले इस संघ समागम के दौरान स्वयंसेवकों द्वारा शारीरिक कौशल का प्रदर्शन भी किया जायेगा जबकि देश और दुनिया के ज्वलंत मुद्दों पर विचार मंथन होगा. इसके अलावा हिंदुओं को किस तरह एकजुट किया जाना है और किस तरह से हिंदुओं में अलख जगाना है, इस दिशा में भी कदम उठाया जायेगा. संघ समागम में बिहार और झारखंड के स्वयंसेवक हिस्सा ले रहे है, जिसमें सामाजिक समरसता, संयुक्त परिवार, ग्राम विकास और पर्यावरण संरक्षण पर विस्तार से बातचीत होगी.