रांची : झारखंड के पूर्व मंत्री सह बोकारो के पूर्व विधायक समरेश सिंह का गुरुवार सुबह निधन हो गया. वे एक दिन पूर्व ही अस्पताल से वापस अपने आवास बोकारो लौटे थे. उन्हें इससे पहले रांची के मेदांता अस्पताल से भर्ती कराया था. वे लंबे समय से बीमार थे. 12 नवंबर को उनकी तबीयत बिगड़ने लगी तो उन्हें बीजीएच और फिर रांची के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिसके बाद उन्हें 29 नवंबर को स्वास्थ्य बेहतर बताते हुए डॉक्टरों ने उन्हें छुट्टी दे दी थी. वे अपने पीछे दो बेटे को छोड़ गए है. उनका एक बेटा राणा प्रताप अमेरिका में रहता है. वहां से वह बोकारो पहुंच चुका है. वहीं उनका अंतिम संस्कार बोकारो के चंदनकियारी के देवलटांड़ गांव में शुक्रवार सुबह 9 बजे होगा.
जमशेदपुर से भी रहा खास जुड़ाव- पूर्व मंत्री समरेश सिंह का जमशेदपुर से भी खास जुड़ाव रहा है. वे टाटा मोर्टस के कांवाई चालकों का भी आंदोलन कर चुके है. उसके लिए वे लंबे लड़ाई लड़े थे और उनके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था जो आज भी जमशेदपुर कोर्ट में लंबित है. दूसरी ओर सिख समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने पर उनकी इंट्री रोक दी थी. इसे लेकर भी वे काफी सुरखियों में रहे थे. (नीचे भी पढ़ें)
पहली बार बाघमारा विधानसभा सीट के निर्दलीय चुनाव जीते-
वे 1977 में पहली बार बाघमारा विधानसभा सीट के निर्दलीय चुनाव जीते थे. इसके बाद मुंबई में 1980 में आयोजित भाजपा के प्रथम अधिवेशन में कमल निशान का चिह्न रखने का सुझाव इन्हीं का था, जिसे केंद्रीय नेताओं ने मंजूरी दी थी. दरअसल समरेश सिंह को 1977 के चुनाव में कमल निशान पर ही जीत मिली थी. बाद में समरेश भाजपा से 1985 और 1990 में बोकारो से विधायक निर्वाचित हुए.