रांची : राज्य में बालू की किल्लत और बालू घाटों की बंदोबस्ती पर लगी रोक को नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल ने हटा लिया है. नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) ने 10 जून से 15 अक्तूबर तक बालू घाटों से बालू के उठाव पर रोक लगा रखी थी. एनजीटी ने यह रोक हटा दी है. इसके साथ ही झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) को एक बार फिर बालू घाटों के संचालन की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. बता दें कि वर्ष 2017 के बाद से बालू घाटों की निलामी से लेकर उसके संचालन और माइंस डेवलपमेंट आपरेटर (एमडीओ) की नियुक्ति का जिम्मा जेएसएमडीसी के पास है. (नीचे भी पढ़ें)
जेएसएमडीसी की तरफ से बालू घाटों की नीलामी को लेकर चयनित माइंस डेवलपमेंट आपरेटरों की वित्तीय निविदा पर अब तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. हालांकि जेएसएमडीसी की तरफ से बालू घाटों की निविदा की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. राज्य में कुल 608 बालू घाट हैं. क्षेत्रफल के हिसाब से बालू घाटों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. दो श्रेणियों के बालू घाटों का संचालन जेएसएमडीसी की तरफ से किया जायेगा. जानकारी के अनुसार 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले घाटों को ए श्रेणी में रखा गया है. वहीं 10 से 50 हेक्टेयर वाले बालू घाटों को बी श्रेणी तथा 50 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाले घाटों को सी कैटेगरी में रखा गया है.