जमशेदपुर : झारखण्ड सरकार के टाल मटोल रवैये से शिक्षा जगत त्राहिमाम कर रहा है. शैक्षणिक सत्र समाप्त होने को है पर सरकार कोई निर्णय नही ले पा रही है. दिसम्बर में जब दसवीं और 12 वी कक्षा खोलने का आदेश दिया गया था तब 15 दिन के बाद समीक्षा बैठक कर अन्य कक्षा खोलने की बात कही गयी थी पर अभी तक सरकार इस सम्बंध में बैठक ही नही कर सकी है. झारखंड में अभी सिर्फ कक्षा 10वीं और 12वीं की पढ़ाई का आदेश दिया गया है जबकि अन्य राज्यों में छठी कक्षा तक पढ़ाई हो रही है. आपदा प्रबंधन विभाग और शिक्षा विभाग में तालमेल नही होने के कारण बैठक तक नही हो पा रही है. सरकार के उदासीन रवैये से विद्यालय प्रबंधन असमंजस में है कि शैक्षणिक सत्र समाप्त होने को है पर सरकार इसको गम्भीरता से नही ले रही है तो विद्यालय और विद्यार्थियों का भविष्य का क्या होगा. फाइनल परीक्षा लेना है या नही, अगले कक्षा में कैसे प्रमोट करना है. इन सवालों का जवाब किसी के पास नही है. मार्च के बाद से अभी तक कोचिंग बंद पड़ा हुआ है. कोचिंग संचालक संघ ने पिछले दिनों अनशन भी किया था, जिसमे मंत्री, सांसद, विधायक सभी गए थे. सकारात्मक आश्वासन भी मिला पर बैठक ही नही हुई. बैठक 19 फरवरी तक के लिए स्थगित किये जाने की सूचना है. स्कूल और कोचिंग संचालको का कहना है कि बाजार खुल गया, दुकान खुल गया, ट्रांसपोर्ट खुल गया, सब धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, पर शिक्षा के प्रति सरकार का ध्यान ही नही है.
jharkhand-school-reopening-झारखंड में कब खुलेगा स्कूल-कॉलेज, सरकार के लटकते फैसले ने बच्चों के भविष्य को अधर में लटकाया, स्कूल, कोचिंग, छात्र सभी असमंजस में
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