रांचीः झारखंड राज्य के हाई स्कूलों के हेडमास्टरों को दिए गए वेतन की वसूली की जाएगी. साथ ही उनकी सैलरी 20 हजार रुपये तक कम हो जाएगी. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. बताया गया कि उन्हें वर्षों से अधिक वेतनमान दिया जाता रहा है. महालेखाकार तथा योजना सह वित्त विभाग द्वारा इस ओर ध्यान आकृष्ट किए जाने तथा इसकी समीक्षा के बाद इसमें संशोधन करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही हेडमास्टरों से वेतन के रूप में ली गई राशि की तीन माह के भीतर नियमानुसार वसूली का निर्णय लिया गया है.दरअसल, वर्ष 2006 में झारखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्त हेडमास्टरों तथा प्रोन्नत सहायक शिक्षकों को गलत वेतन पर्ची के आधार पर अधिक वेतन जारी होता रहा. इनकी नियुक्ति 7500-12000 के वेतनमान में हुई थी तथा छठे वेतन पुनरीक्षण के तहत पे बैंड दो तथा 9300-34800 ग्रेड पे 5400 का वेतनमान मिलना था, लेकिन कई हेडमास्टरों की वेतन पर्ची 15600-39100 ग्रेड पे 5400 के वेतनमान पर जारी होती रही.ससे इन्हें अधिक वेतन का लाभ मिलता रहा. योजना सह वित्त विभाग और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की संयुक्त समीक्षा में इसे गलत ठहराया गया है. वर्ष 2006 में 257 शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. बाद में कुछ और शिक्षकों की नियुक्ति हुई, वहीं कुछ शिक्षक प्रोन्नत भी हुए. बताया जाता है कि गलत वेतनमान पर्ची जारी होने से हेडमास्टरों को प्रतिमाह लगभग 20 हजार रुपये अधिक वेतन मिलता रहा. पिछले 15 वर्षों का औसत निकालें तो अगर इन्हें प्रति माह 10 हजार रुपये भी अधिक मिले तो इस हिसाब से एक शिक्षक को 2006 से अबतक लगभग 18 लाख रुपये का अधिक भुगतान हुआ है. ऐसे शिक्षकों की संख्या राज्य में करीब 400 है. इस तरह अधिक भुगतान के कारण खजाने को लगभग 72 करोड़ रुपये की चपत लगी है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने वेतनमान को संशोधित करने तथा अधिक वेतन की वसूली करने का आदेश दिया है. ऐसे शिक्षकों का वेतन अब 20 हजार रुपये कम हो जाएगा. इनसे वसूली कैसे होगी, इस पर अभी मंथन चल रहा है.