खबरjharkhand-students-in-ukraine-यूक्रेन में झारखंड के छात्र फंसे है, जमशेदपुर के करीब 40 युवा...
spot_img

jharkhand-students-in-ukraine-यूक्रेन में झारखंड के छात्र फंसे है, जमशेदपुर के करीब 40 युवा फंसे है, यूक्रेन में फंसे लोगों के लिए जमशेदपुर जिला प्रशासन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर, वापस लाने की प्रक्रिया तेज, जानें कैसे हो सकता है संपर्क, रोमानिया के रास्ते स्वदेश लौट सकते है छात्र

राशिफल

जमशेदपुर : यूक्रेन पर रुस के हुए हमले में झारखंड के भी कई बच्चे फंसे हुए है. महगामा के चार छात्रों के अलावा जमशेदपुर के करीब 40 छात्र-छात्राएं वहां फंसे है, जो डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए गये थे. अब उनके परिवार चिंतित है कि उनके बच्चे कैसे वापस लौटेंगे. जमशेदपुर जिला प्रशासन ने युक्रेन में फंसे लोगों की जानकारी इकठ्ठा करना शुरु कर दी है. जिला प्रशासन ने इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. प्रशासन की ओर से यह अपील की गई है कि रूस और युक्रेन के बीच युद्ध में यदि किसी व्यक्ति के परिजन युक्रेन में फंसे है तो इसकी जानकारी जिला प्रशासन को फोन नंबर 8987510050, 06572440111 और 06572221717 पर जानकारी दे. इसके लिए फंसे हुए व्यक्ति का नाम, पिता या पति का नाम, स्थानीय पता, स्थानीय अभिभावक का मोबाइल नंबर, युक्रेन में जहां फंसे है उस स्थान का नाम और मोबाइल नंबर उपलब्ध करवाना होगा. इधर भारत सरकार ने भी युक्रेन में फंसे प्रवासियों को वापस लाने का ऐलान किया है. युक्रेन में फंसे प्रवासी पहले सड़क मार्ग से दुसरे देश पहुंचेंगे जहां से भारत सरकार सभी को वापस स्वदेश वापस लाएगी.
रोमानिया के रास्ते स्वदेश आएगी राशिका
इधर शहर के व्यावसायी संजय कुमार खेमका की 24 वर्षीय बेटी राशिका खेमका ने अपने पिता को संपर्क कर स्थिति से अवगत कराया है. राशिका ने फोन पर बताया कि स्थानीय भारतीय दुतावास ने उससे संपर्क किया और बताया कि वहां फसे लगभग 18 हजार छात्रों के लिए 10-12 बसों से रोमानिया लेकर जाया जाएगा जहां से सभी को वापस भारत भेजने की तैयारी चल रही है. हालांकि दुतावास से यह भी बताया गया है कि छात्र अपने साथ सिर्फ एक हैंड बैग ही लेकर जा सकते है. इस आदेश के बाद राशिका ने चैन की सांस ली है. राशिका के अनुसार ओडिसा से रोमानिया की दुरी 700 किमी है. वहीं ओडिसा में स्थिती सामान्य है. वहां सुपर मार्केट को खोला गया है. इसके अलावा अब तक दो बार सायरन बयाजा जा चुका है. तीसरा सायरन बजते ही सभी को दुतावास द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार स्थानीय बंकर में जाना होगा. रशिका के अलावा रोमानिया के रास्ते ही अन्य छात्रों को भी लाने की कोशिशें तेज की गयी है.
रूस-यूक्रेन युद्ध भारत के व्यापार को प्रभावित करेगा
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से भारतीय अर्थव्यवस्था और व्यापार बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है, खास तौर पर तब जब भारतीय बाजार कोविड महामारी से उभरने का प्रयास कर रहा था. युद्ध के कारण कच्चे तेल में अपेक्षित वृद्धि महंगाई को बढ़ावा देगा,जबकि सोने की कीमतों में अपेक्षित वृद्धि भी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि का कारण बनेगी. दूसरी ओर, इस मौजूदा परिस्थितियों के परिदृश्य में, रुपया कमजोर होने की उम्मीद है जो निश्चित रूप से भारत के व्यापार संतुलन को प्रभावित करेगा-ये कहना है कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थालिया ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से उत्पन्न वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करते हुए कहा कि चालू वर्ष में, भारत का कुल तेल आयात 25.8 प्रतिशत तक बढ़ गया है, जिससे तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई. थोक मूल्य सूचकांक में कच्चे तेल और संबद्ध उत्पादों की हिस्सेदारी 9% है. कच्चे तेल में वृद्धि से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और मुद्रास्फीति बढ़ेगी जिससे समग्र रूप से सभी वस्तुओं के दाम में वृद्धि होने की आशंका है. माल की विनिर्माण और परिवहन लागत अधिक महंगी हो जाएगी. कच्चे तेल का इस्तेमाल , प्लास्टिक, फार्मास्यूटिकल्स, मशीनरी, पेंट और कई अन्य वस्तुओं आदि के निर्माण में किया जाता है जो कीमतों को और बढ़ाने का कारक बनेगा. कच्चे तेल के अलावा, भारत दवा कच्चे माल, सूरजमुखी, जैविक रसायन, प्लास्टिक, लोहा और इस्पात आदि का यूक्रेन से आयात करता है जबकि भारत फल, चाय, कॉफी, दवा उत्पाद, मसाले, तिलहन, मशीनरी और मशीनरी सामान आदि का निर्यात करता है।दूसरी ओर, रूस भारत के साथ व्यापार में 25 वां सबसे बड़ा भागीदार है, रूस को 2.5 बिलियन डॉलर का निर्यात किया जाता है और रूस से 6.9 बिलियन डॉलर का आयात करता है. श्री खंडेलवाल और सुरेश सोन्थालिया ने कहा कि भारत के व्यापारी सामान्य तौर पर यूक्रेन के आपूर्तिकर्ताओं को अग्रिम भुगतान करते है, जो अब अनिश्चितकालीन के लिए फंसने की उम्मीद है. यूक्रेन से आने वाले शिपमेंट यदि फंस जाते हैं तो होना चाहिए निश्चित रूप से इसका भारतीय व्यापारियों को नुकसान होगा. डॉलर की कीमतों में अपेक्षित वृद्धि अन्य देशों के साथ व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी क्योंकि भारतीय व्यापारियों को शिपमेंट के समय प्रचलित कीमत का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाएगा. सोने की कीमतों में बढ़ोतरी घरेलू बाजार को और प्रभावित करेगी। भारत का समग्र व्यापार भविष्य में अस्थिर होने की उम्मीद है. देश का व्यापारिक समुदाय मौजूदा संकट के समय मे सरकार के साथ एकजुटता से खड़ा है और देश में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा उठाए जाने वाले किसी भी कदम का समर्थन करेगा. श्री सोन्थालिया ने केंद्र सरकार से रूस और यूक्रेन के बीच मौजूदा युद्ध पर नजर रखते हुए देश में व्यापार और वाणिज्य के लिए कुछ सहायक उपायों की घोषणा करने का आग्रह किया है.

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading