jharkhand-teachers-appointment-cancelation-issue-झारखंड में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर सरकार जा सकती है सुप्रीम कोर्ट, दबाव में सरकार, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने शिक्षकों को दी जानकारी, जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां समेत अन्य जगहो पर आंदोलन, जमशेदपुर के साकची में जुटे शिक्षक, जानिये शिक्षकों का दर्द-video

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जमशेदपुर के साकची आमबगान मैदान में जुटे शिक्षक.

रांची : झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद झारखंड के 13 अनुसूचित जिलों में नियुक्त हाई स्कूल के 3684 शिक्षकों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है. वहीं झारखंड के इन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द होने से आशंकित और झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षक सड़कों पर है. बुधवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव से रांची में मुलाकात की. इन लोगों से मुलाकात के बाद मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि सरकार शिक्षकों के मसले पर गंभीरता से बातचीत कर रहे है. इसका रास्ता निकालने की कोशिश होगी. जरूरत पड़ेगी तो इस मसले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी जा सकती है. इसके साथ ही सरकार सुप्रीम कोर्ट जा सकती है, यह साफ कांग्रेस ने कर दिया है, जो मुख्य घटक दल इस सरकार में है. दूसरी ओर, जमशेदपुर और सरायकेला-खरसावां जिले के शिक्षक आंदोलित है. जमशेदपुर के साकची स्थित आमबगान मैदान में सारे शिक्षक जुटे और अपना विरोध दर्ज कराया.

इन लोगों ने सरकार से मांग की है कि उनकी मांगों को लेकर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें और फैसला करें. करीब 250 से ज्यादा शिक्षक वहां जुटे थे. आपको बता दें कि कोल्हान के तीनों जिले के 884 शिक्षक प्रभावित होंगे. पूर्वी सिंहभूम में 380 शिक्षकों को बहाल किया गया था लेकिन तीन लोगों ने ज्वाइन करने के बाद रिजाइन कर दिया था. इतने शिक्षकों को बेरोजगार हो चुके है. शिक्षकों का कहना है कि अब हम लोग क्या करेंगे. अब सवाल उठता है कि आखिर किस आधार पर ये नियुक्ति की गयी. इस आदेश के बाद सरायकेला जिले के 219, पश्चिमी सिंहभूम के 298 और पूर्वी सिंहभूम के 367 शिक्षक बेरोजगार हो गए है.

हाईकोर्ट ने इस आदेश के हवाले में कहा कि किसी भी नियोजन में स्थानीयता या जन्म स्थान के आधार पर 100 फीसदी सीटें आरक्षित नहीं की जा सकती है. इसके उलट इन अनुसूचित जिलों में हाईस्कूल नियुक्ति में 100 फीसदी नियुक्ति को देखते हुए निरस्त किया है. जबकि हाई कोर्ट ने गैर अनूसूचित 11जिलों में हुई शिक्षकों की नियुक्तियों को सुरक्षित रखा है. वे हाईकोर्ट के आदेश से आहत है. इन जिलों के शिक्षकों की नौकरी एक ही झटके में खत्म हो गयी, जिससे ये लोग सड़कों पर है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने 2016 में एक विज्ञापन निकाला था जिसमें राज्य के 24 जिलों को दो कोटि में बांटा गया था.

सरायकेला में आंदोलन करते शिक्षक.

पहला 13 अनुसूचित जिले और दूसरा 11 गैर अनुसूचित जिले के लिेए था. अनुसूचित जिलों के पद पर उसी जिले के स्थानीय निवासी के लिए आरक्षित था, पूर्वी सिंहभूम के लिए 972, पश्चिम सिंहभूम के लिए 1187,सरायकेला के लिए 709, रांची के लिए 1013, खूंटी 387, गुमला 696, सिमडेगा 427, लोहरदगा 333, लातेहार 573, दुमका 959, जामताड़ा 539, पाकुड़ 486 और साहेबगंज के लिए 589 सीट निधार्रित की गयी थी.

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