
जमशेदपुर : झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, पूर्वी सिंहभूम की आपात ज़ूम मीटिंग संघ के जिला अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक में सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा स्कूल अवधि 1 घंटा बढ़ाने संबंधी आदेश की सर्वसम्मति से निंदा व भर्त्सना की गई. आपको बता दें कि एक आदेश में कहा गया है कि एक घंटा अधिक सरकारी शिक्षकों को स्कूलों में रहना होगा. इन लोगों ने कहा कि यह बेबुनियाद, गैर जिम्मेदाराना एवं शिक्षकों का मनोबल तोड़ने वाला है तथा इस आदेश से पूरा शिक्षक समाज मर्माहत है. इस तरह के आदेश से पूरे झारखंड राज्य के संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ इसका सोमवार से ही विरोध करता है. झारखंड में पूर्व से ही प्रत्येक वर्ष लगभग 250 कार्य दिवस रहा है, जो कि निर्धारित शिक्षण घंटे के बराबर है. ऐसे में शिक्षण अवधि बढ़ाना शिक्षक, छात्र तथा मानवता विरोधी है. यह छात्रों के लिए भी हितकारी ना होकर अभिशाप साबित होगा. शिक्षकों की लंबित समस्याओं यथा उत्क्रमित वेतनमान, कॉमर्स शिक्षकों की प्रोन्नति, एमएसीपी का लाभ गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति, एमडीएम योजना से शिक्षकों को अलग कर जिम्मेदारी एनजीओ को देने की मांग पर विभाग कोई कदम नहीं उठा रहा है. मध्यान्ह भोजन योजना अंतर्गत बोरा एकत्र कर बेचने का आदेश का सभी उपस्थित शिक्षकों ने विरोध किया. विद्यालयों के लिए विकास फंड की राशि आज तक निर्गत नहीं की गई है जबकि नवंबर महीने बीत गए हैं, अपने निजी खर्चे से स्कूल का संचालन शिक्षक आज भी कर रहे हैं. इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ विभागीय सचिव के तुगलकी फरमान का विरोध कर तुरंत इसे निरस्त करने की मांग करता है. इसके खिलाफ 28 नवंबर को राज्यस्तरीय बैठक में इस अधिसूचना को रद्द कराने तक सरकार के खिलाफ धरना और प्रदर्शन एवं हड़ताल करने के लिए सब शिक्षक बाध्य होंगे. जूम मीटिंग में संगठन सचिव अरुण कुमार, रूद्र प्रताप सीट, राजेंद्र कर्ण, पीतम सोरेन, सुधीर चन्द्र मुर्मु, श्यामल मंडल, अरुन्ती कुमारी, उमेश रजक, खुदीराम माहाली आदि शिक्षक उपस्थित थे.