रांची: झारखंड राज्य में पंचायत चुनाव कराने की सुगबुगाहट के बाद ग्रामीण विकास विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि दोबारा मुखिया चुनाव लड़ने वालों को अपने कार्यकाल का पूरा हिसाब- किताब देना होगा, इसके बाद ही वे चुनाव लड़ पाएंगे. इसके लिए विभाग के निदेशक आदित्य रंजन ने एक अधिसूचना जारी की है. जिसमें कहा गया है कि मुखिया अपने कार्यकाल में संपन्न योजनाओं से निर्मित इंफ्रास्ट्रक्चर और अपने फंड से खरीदी गयी सामानो की सूची बनाकर बीडीओ को सौंपा है. इस कार्य में पंचायत सचिव मदद करेंगे. सूची को अपने ब्लाक के प्रखंड विकास पदाधिकारी( बीडीओ) को सौंपेगे. बीडीओ से एनओसी मिलने के बाद ही चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाएगी.
इससे पूर्व मुखिया जो कार्यकाल की सूची बीडीओ को देंगे, उस योजना या सामग्री का भौतिक सत्यापन बीडीओ खुद करेंगे. जब तक बीडीओ संतुष्ट नहीं हो जाते, तब तक मामला अधर में रहेगा. बीडीओ के संतुष्ट होते ही वे सूची को जिला पंचायती राज पदाधिकारी के पास अग्रसरित कर देंगे. इसके बाद पंचायत राज पदाधिकारी भी वेरिफिकेशन करेंगे. इसके बाद वे सूची को ग्रामीण विकास विभाग के पास अग्रसरित करेंगे. इस प्रक्रिया को आन लाइन की दिशा में काम किया जा रहा है. जल्द ही विभाग इसके लिए एक एप तैयार कर प्ले स्टोर उपलब्ध कराएगा. मुखिया इस एप को डाउनलोड कर प्रक्रिया को पूरा करेंगे.
दरअसल दोबारा चुनाव लड़ते वक्त जो शपथ पत्र मुखिया पद के कैडिडेट की ओर से निर्वाचन कार्यालय को सौंपा जाएगा, इसमें इस सूची को जोड़ना अब विभाग की ओर से अनिवार्य कर दिया गया है. इस अधिसूचना में इस बात का साफ उल्लेख किया गया है कि आगामी चुनाव के लिए इस सूची को अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसा नहीं करने से कैडिडेट द्वारा दिया गया शपथ पत्र अधूरा समझा जाएगा. निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा शपथ पत्र को रद्द कर कैंडिडेट के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.