रांची : झारखंड की जनजातीय बच्चियों को अब नौकरी मिलेगी. इसके लिए जनजातीय मंत्रालय और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के संयुक्त रुप से ट्रेनिंग के साथ-साथ नौकरी भी दी जायेगी. इसके लिए झारखंड की 1898 लड़कियों का चयन विशेष प्रशिक्षण के लिए किया गया है. इन्हें मंगलवार को विशेष ट्रेन हटिया रेलवे स्टेशन से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने तमिलनाडु के होसूर के लिए रवाना किया. इसमें चयनित करीब 822 बच्चियों के पहले जत्था शामिल है. वहीं इस अन्य बच्चियों को अगले समूह में रवाना किया जाएगा. वहीं दो दिनों तक चले भर्ती अभियान में कुल 2600 से अधिक बच्चियों ने हिस्सा लिया था. वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इन बच्चियों को रवाना करते हुए बेहद खुशी हो है और बच्चियां भी पहली बार ट्रेन का सफर करने के लिए बेहद उत्साहित दिखी. इस दौरान विधायक सीपी सिंह समेत अन्य लोग शामिल रहे. गौरतलब है कि मानव तस्करी और नक्सलवाद के लिए जाने वाला झारखंड के चार जिलों में खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और सिमडेगा की की करीब 1984 आदिवासी बेटियों को स्वावलंबी बनाने की पहल की गयी है. इन्हें बच्चियों को पहले दो दिनों तक तमिलनाडु के होसूर में प्रशिक्षण दिया जाएगा और उसके बाद इन्हें नौकरी भी दी जाएगी. ये बच्चियां 12वीं पास है और इन्हें 15 हजार तक का वेतन दिया जाएगा. एक वर्ष बाद इन बच्चियों को बीएससी की पढ़ाई कराई जाएगी जिसका पूरी खर्च कंपनी देगी.