रांची: पूरे देश समेत झारखंड में नयी शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में कई तरह के बदलाव किए जाएंगे. यह बदलाव नामांकन से लेकर कोर्स सिलेबस और डिग्री मिलने तक होगा. राज्य के विश्वविद्यालयों में नयी शिक्षा नीति प्रणाली को लागू करने की प्रक्रिया चल रही है . झारखंड राज्य में बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि धनबाद पहला विवि होगा, जहां पर वर्तमान शैक्षणिक सत्र से ही स्नातक स्तर पर ही नयी शिक्षा नीति को लागू किया गया है. अब यहां से स्नातक करने वाले विद्यार्थी का कोर्स तीन साल के बजाय 4 साल का होगा. यानि अब ग्रेजुएशन चार का सिलेबस होगा. राज्य के सभी विवि में एडमिशन लेने की प्रक्रिया में नयी व्यवस्था को लागू करने को लेकर राजभवन ने सभी विवि को एक पत्र लिखा है. जिसमें यूजीसी के रेफरेंस का हवाला देते हुए राजभवन ने कहा कि विवि को इसी साल से कामन एंट्रेस टेस्ट के जरिए ही एडमिशन लेना चाहिए. साथ ही यह भी कहा है कि जो पत्र लिखा गया है उसमें सलाह करने के लिए कहा गया है.(नीचे भी पढे)
विवि को खुद से निर्णय लेना है कि वह कामन एंट्रेस टेस्ट के माध्यम से एडमिशन लेंगे या फिर अपनी व्यवस्था को बरकरार रखेंगे. विदित हो कि देशभर मे लागू नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत ग्रेजुएशन में एडमिशन 12वीं में मिले अंक के आधार की बजाए एडमिशन टेस्ट के आधार पर होगी. यूजीसी ने कामन विवि एंट्रेंस टेस्ट को आयोजित करने की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को दी है. यूजीसी के निर्देश पर देश के सभी सेंटर विवि समेत कई अन्य विवि ने इसी कामन एंट्रेंस टेस्ट के अंकों के आधार पर नामांकन लेने का फैसला किया है. इन्ही सभी बातों को ध्यान में रखकर राजभवन ने विवि को एडमिशन लेने की सलाह दी है. इसके लिए राजभवन ने रांची विवि समेत राज्य से सभी विवि को इस बाबत पत्र भेजा है. धनबाद कोयलांचल विवि में इसी सत्र से लागू करने के लिए प्रस्ताव लाया गया.