
रांची : झारखंड में 8 जुलाई तक के लिए 1 जुलाई को जारी गाइडलाइन के मुताबिक, अधिकांश दुकानों और बाजारों को खोल दिया गया है. रात 8 बजे तक सारे दुकानों और कारोबार को खोलने की इजाजत दे दी गयी थी. लेकिन अब भी कई सेवाएं है, जो बंद है. नया गाइडलाइन 8 जुलाई तक के लिए ही लागू किया गया था. इसको देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 7 जुलाई को इसको लेकर अहम बैठक बुलायी गयी है. 7 जुलाई के पहले मंगलवार की शाम 4 बजे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें लॉकडाउन पर कोई फैसला नहीं लिया जायेगा. लेकिन राज्य में पाबंदी को लेकर अहम फैसला बुधवार की दोपहर बाद ही हो सकता है. बुधवार को आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुलायी गयी है, जिसमें स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, स्वास्थ्य विभाग के अवर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह समेत अन्य लोग शामिल होंगे. इस बैठक के दौरान ही इस पर कई फैसले हो सकते है. यह संभव है कि बिहार समेत अन्य राज्यों की तर्ज पर स्कूलों और कॉलेजों के साथ-साथ कोचिंग संस्थानों को खोल दिया जायेगा. शर्तों के साथ यह नया गाइडलाइन जारी होगा. 50 फीसदी सीटों के हिसाब से स्कूलों और कॉलेजों में बच्चों को आने दिया जायेगा और पहले की तर्ज पर 8 क्लास से ऊपर के बच्चों को आने की इजाजत दी जायेगी. इसके अलावा कोचिंग संस्थानों में भी 50 फीसदी बच्चे आ सकते है, इसकी इजाजत होगी. राज्य सरकार चाहती है कि जीवन और जीविका दोनों बचे और अब चाहती है कि शैक्षणिक व्यवस्था को भी बेहतर किया जाये. कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्कूली बच्चों को स्कूल जाने की इजाजत नहीं दी जायेगी, लेकिन 8वीं कक्षा से ऊपर के बच्चों को स्कूल रोटेशन के हिसाब से बुलाने की इजाजत दी जा सकती है. इसको लेकर एक्सपर्ट लोगों को हेमंत सोरेन की सरकार ने लगाया कि अन्य राज्यों के सारे टर्म एंड कंडिशन का अध्ययन कर लें. मंदिर, मसजिद, गुरुद्वारा, गिरजाघर अभी खुल तो रहे है, लेकिन भक्तों को आने जाने नहीं दिया जा रहा है. झारखंड में उठती मांग को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के जरिये भक्तों को धार्मिक स्थलों पर जाने की इजाजत दी जायेगी, लेकिन मंदिर प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि भक्तों की भीड़ नहीं लगेगी और सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराया जायेगा. इसको लेकर हलफनामा भी देना होगा. स्कूलों और कॉलेजों को भी हलफनामा दिया जायेगा. बताया जाता है कि राज्य सरकार सोच रही है कि तीसरा वेभ आने के पहले जितना चीजें चल सकती है, उसको शर्तों के साथ खोल दिया जाये क्योंकि अगर तीसरा वेभ आता है तो फिर से बंद करना ही होगा. इसी सोच के साथ लगभग सारी पाबंदियों को खत्म किया जा सकता है.