खबरKharsawan-Polytechnic-College-corruption : खरसावां पॉलिटेक्नीक कॉलेज के प्राचार्य के पास उचित योग्यता नहीं,...
spot_img

Kharsawan-Polytechnic-College-corruption : खरसावां पॉलिटेक्नीक कॉलेज के प्राचार्य के पास उचित योग्यता नहीं, हर साल पा रहे वेतन वृद्धि का लाभ

राशिफल

सरायकेला : जिनके हाथों में तकनीकी शिक्षा देने की जिम्मेवारी हो, अगर वही विभाग झूठ पर टिका हो तो आने वाली पीढ़ियों का क्या होगा? उच्च तकनीकी शिक्षा में भ्रष्टाचार की जड़ें विभाग की फाइलों में दबी है। राज्य के पॉलिटेक्नीक कॉलेजों में कई प्रोफेसर ने फर्जी डिग्री पर न सिर्फ वेतन वृद्धि करवा ली है, बल्कि एक नहीं दो-दो पॉलिटेक्नीक कॉलेज के प्राचार्य बन बैठे हैं. देश में तकनीकी शिक्षा की उच्च संस्था एआईसीटीई ने 2010 में ही आदेश निकाला था कि दूरस्थ शिक्षा में ली गयी बीटेक डिप्लोमा वैध नहीं है. एक मामला राज्य के पॉलिटेक्नीक कॉलेज खरसावां में आया है. बताया जाता है कि वर्तमान प्रचार्य सुरेंद्र शर्मा, जो कि एआईसीटीई के नॉर्म्स के अनुसार पीएचडी धारक ही डिप्लोमा कॉलेज का प्रिंसिपल बन सकता है, को पूरा नहीं करते एवं इलाहाबाद एग्रिकल्चर इंस्टिट्यूट से दूरस्थ शिक्षा का सर्टिफिकेट विभाग को जमा कर प्रतिवर्ष वेतन वृद्धि का लाभ ले रहे हैं. ये दो-दो पॉलिटेक्नीक कॉलेज की प्राचार्य बन बैठे हैं. सूत्र बताते हैं कि इनका विभाग में पहुंच का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ये कॉलेज परिसर में रहते है और आवास भत्ता भी लेते हैं. अपने लोगों से कॉलेज का मेस चलवाते है. इतना हीं नहीं कॉलेज के शिक्षकों को भी कॉलेज परिसर में सपरिवार रहने की अनुमति देकर सभी को अपने शरण मे रखे हुए हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रोफेसर ने आईटी में एमटेक किया है. इनके ऊपर विभाग जब भी वित्तीय अनियमितता की जांच करवाने की प्रक्रिया करता है, तो संबंधित अनियमितता की फाइल रास्ते मे ही अटक जाती है.

[metaslider id=15963 cssclass=””]

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading