चाईबासा : कोल्हान में धर्म परिवर्तन के तहत इसाई धर्म अपनाने के लिए लोगों को बाध्य करने की खबरों के बीच मंगलवार को एक बड़ी खबर आयी. इसके तहत पश्चिम सिंहभूम जिले के 14 लोगों ने ईसाई धर्म छोड़कर घर वापसी की और सरना धर्म को फिर से फग़ना लिया. आदिवासी हो समाज युवा महासभा की ओर से किये गये पहले के बाद सारे लोगों को वापस सरना धर्म में लाया गया. ये लोग पहले सरना धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म को अपना चुके थे. इसके तहत गांव के दियुरी सोनारााम तिरिया द्वारा हो समाज की रीति-रिवाज के अनुसार बोंगा बुरु कर ग्रामीण मुंडा और मानकी के सामने विधिवत रुप से स्वागत कराया गया. इस दौरान हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया गया. (नीचे भी पढ़ें)
आदिवासी हो समाज युवा महासभा की ओर से ग्रामीणों को इसके लिए जागरूक किया गया है और बताया गया है कि क्यों अपनी भाषा, संस्कृति, रीति-रिवाज और पूजा पाठ जरूरी है. आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बर सिंह हेम्ब्रम ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने पर प्रकाश डाला. समाज में जाली पुजारी, जिसको देंवा, बनने के विचारों तथा डायन, ओझा, गुनी जैसे असामाजिक तत्वों को गांव में नहीं फैलाने का ग्रामीणों को नसीहत दी. शिक्षा, स्वास्थ्य तथा रोजगार को समाज में प्राथमिक स्तर से आधुनिक युग में प्रबंधन तरीके से अपने लोगों के बीच जानकारी शेयर तथा सहयोग करने की अपील की. उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में विशेष कानूनों के प्रावधानों के बावजूद जनजातियों को जबरन ईसाई, हिंदू, मुस्लिम में धर्मांतरण कराना असंवैधानिक है. (नीचे भी पढ़ें)
आगामी 5 मार्च को रांची में आदिवासी बचाओ महारैली में शामिल होने के लिए यहां ग्रामीणों से अपील की गयी. इस मौके पर ग्रामीण मुंडा जाबोर तिरिया, मानकी गंगाराम तिरिया, दियुरी सोनाराम तिरिया, आदिवासी हो समाज युवा महासभा के धर्म सचिव सोमा जेराई, दियुरि सदस्य नरेश पिंगुवा, प्रदेश अध्यक्ष गोबिन्द बिरुवा, अनुमंडल सचिव सिकन्दर तिरिया, प्रखंड अध्यक्ष अनिल चातार,प्रखण्ड उपाध्यक्ष नंदलाल तिरिया, डाकुवा डोकड़ेंया तिरिया, जोटेया तिरिया, जामदार तिरिया, गुरूचरण बोयपाई, डमरूधर भीमकुल, जुमल तिरिया, बड़ाये बोयपाई, चैतन्य तिरिया, गुरुचरण तिरिया, गोपाल तिरिया, शिवनाथ तिरिया इत्यादि लोग मौजूद थे.