सावधान ! कोल्हान डेंगू की चपेट में, कई इलाकों में मिले डेंगू के लार्वा, तीन की अब तक मौत, अस्पतालों में बेड भी नहीं, सरकारी अस्पताल में दवा भी नहीं, सफाई का इंतजाम नहीं, भाजपाइ ही पहुंच गये डीसी के पास शिकायत करने, जानिये डेंगू से बचने के उपाय, लक्षण और इलाज के इंतजाम

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क्या है डेंगू बुखार
डेंगू एक बुखार है, जो एडीज इजिप्टी मच्छरों के काटने से होता है. मच्छरों के शरीर पर चीते जैसे धारियां होती है. ये मच्छर दिन में ही काटते है. ये मच्छर ऊंचाई पर नहीं जा पाते है, जिस कारण लोगों के शरीर पर ही काट देते है. यह मच्छर जब काटता है तो शरीर में डेंगू का वायरस भी चला जाता है, जिससे लोग डेंगू से पीड़ित हो जाते है. बताया जाता है कि मच्छर के काटने के करीब पांच दिनों के बाद मरीज को बुखार आता है. वैसे बुखार बढ़ने का समय तीन से दस दिनों तक हो सकती है. तीन तरस के डेंगू होते है, जिसमें डेंगू शॉक सिंड्रोम, डेंगू हैमरेजिक बुखार और क्लासिकल यानी साधारण डेंगू बुखार. पहले और दूसरा डेंगू बुखार काफी खतरनाक होता है. साधारण बुखार अपने आप ठीक हो जाता है.

क्या है लक्षण

  1. बदन में दर्द के साथ ठंड लगने के बाद तेज बुखार होना
  2. आंखों के पीछे दर्द होना, जो आंखों को हिलाने या दबाने के बाद बढ़ता है
  3. कमजोरी लगना, भूख नहीं लगता है, मुंह का स्वाद खराब होना
  4. शरीर पर चकता या दाग की तरह का हो जाता है.
  5. नाक या मसूढ़ो से खून आता है जबकि शौच या उलटी में भी खून आता है.
  6. मरीजों में होश खोने की भी शिकायत आता है और नाड़ी कभी तेज तो कभी आहिस्ता हो जाता है.
जमशेदपुर डीसी ऑफिस में भाजपा नेता विकास सिंह के नेतृत्व में पहुंचे मानगो के लोग.

जमशेदपुर : कोल्हान में एक बार फिर से डेंगू ने अपने पांव पसार लिये है. कई इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सर्वे किया है, जिसमें डेंगू के लार्वा पाये गये है. अभी से ही लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. हालात यह है कि अस्पतालों में बेड का अभाव है. चाहे एमजीएम अस्पताल हो या फिर टीएमएच या फिर सदर अस्पताल या फिर अन्य निजी अस्पताल, हर जगह सीट फुल हो चुका है. लोगों का दाखिला नहीं लिया जा रहा है. किसी तरह लोगों को दवा देकर घरों में ही इलाज कराने की व्यवस्था करायी जा रही है. जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. दूसरी ओर, जमशेदपुर के मानगो नेशनल हाइवे के पास स्थित मंगल कॉलोनी में डेंगू की लड़ाई तेज हो चुकी है. यह लड़ाई शनिवार को जमशेदपुर के उपायुक्त तक पहुंच गया. भाजपा नेता विकास सिंह के नेतृत्व में लोग पहुंच गये और बताया कि वहां टायरों की भरमार है, जिस कारण डेंगू फैल रहा है और करीब 200 मकानों में से 150 घरों में लोग डेंगू के मरीज है. हालात यह है कि लोगों का जीना ही मुश्किल हो चुका है. वैसे अगर प्रशासन के दावे को सही माना जाये तो जमशेदपुर में सिर्फ 44 ही मरीज है. वैसे टीएमएच और एमजीएम अस्पताल में बेड नहीं है और अधिकांश के डेंगू के ही है. वैसे आपको बता दे कि अकेले जमशेदपुर में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. खास तौर पर मानगो और जुगसलाई में डेंगू का लार्वा मिल चुका है. जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ एके लाल की देखरेख में इसकी जांच की गयी, जिसमें यह खुलासा हो पाया है.

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